नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक हाइड्रोजन बस सेवा शुरू होने जा रही है। यह सेवा 15 नवंबर से शुरू होने की संभावना है। इस परियोजना का संचालन नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) संयुक्त रूप से करेंगे। परियोजना का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और हरित परिवहन को प्रोत्साहित करना है।
पहले चरण में कुल चार हाइड्रोजन बसें सड़कों पर उतरेंगी। प्रत्येक बस में 45 सीटों की क्षमता होगी और एक बार हाइड्रोजन भरने पर यह बसें लगभग 600 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेंगी। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बसों में आधुनिक इंटीरियर, आरामदायक सीटें और उच्च स्तरीय सुरक्षा मानक शामिल किए गए हैं। इन बसों के संचालन से ग्रेटर नोएडा, यमुना सिटी और नोएडा एयरपोर्ट के बीच निर्बाध और पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था विकसित होगी।
7 नवंबर को हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन का ट्रायल आयोजित किया जाएगा, जिसके बाद 15 नवंबर से बस सेवा शुरू करने की योजना है। एनटीपीसी ने इस परियोजना को अपने ‘ग्रीन एनर्जी मिशन’ के तहत शामिल किया है। यह पहल न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएगी, बल्कि क्षेत्र को हरित विकास के मॉडल के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी।
यमुना विकास प्राधिकरण के एसीईओ नागेंद्र सिंह ने बताया कि ये बसें प्राधिकरण के पुराने रूट पर ही चलेंगी, लेकिन अब इनमें एयरपोर्ट कनेक्टिविटी जोड़ी जाएगी। बसें यमुना सिटी के सेक्टरों से होती हुई पहले से बने बस स्टैंड्स, सूरजपुर पुलिस मुख्यालय और जिलाधिकारी कार्यालय तक जाएंगी। प्राधिकरण इन बसों को यूपी रोडवेज (UPRTC) के साथ मिलकर संचालित करेगा, ताकि यात्रियों को बेहतर, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन सुविधा मिल सके।
गौरतलब है कि यह देश में हाइड्रोजन बसों का दूसरा प्रोजेक्ट है। इससे पहले लद्दाख के लेह में हाइड्रोजन बसें सफलतापूर्वक चलाई जा चुकी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, हाइड्रोजन ईंधन भविष्य की ऊर्जा व्यवस्था में अहम भूमिका निभा सकता है क्योंकि यह पूरी तरह स्वच्छ ऊर्जा है और इससे कोई प्रदूषण नहीं होता।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी में 500 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की भी तैयारी की जा रही है। इससे पूरे क्षेत्र में स्वच्छ और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क तैयार होगा। हाइड्रोजन बस सेवा की शुरुआत से न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी बल्कि नोएडा क्षेत्र एक हरित और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट हब के रूप में उभरकर सामने आएगा।

