नोएडा के सोरखा गांव के रहने वाले रवि यादव बताते हैं कि कुश्ती कभी हमारी पहचान हुआ करती थी. हर गांव में कुश्ती प्रतियोगिता होना आम बात थी. बड़े-बड़े दंगल हुआ करते थे. लेकिन, सब अब खत्म होते दिखाई दे रहा है. हमारे यहां से नरसिंह पहलवान निकले थे, जिन्होंने एशियन गेम्स में देश का नाम रौशन किया था. लेकिन, अब वो सब खत्म होता दिखाई दे रहा है. इसलिए हमने छोटे से अखाड़े में इसको जीवित करने का प्रयास किया है
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सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के कानून के दायरे में राजनीतिक दलों को लाने की मांग को खारिज कर दिया
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने एक याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों को सेक्सुअल…