नोएडा में भारी बारिश और हथनी कुंड से छोड़े गए पानी ने हालात बेहद खराब कर दिए हैं। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है, जिसके चलते निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि लगातार बारिश से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
प्रशासन ने अब तक करीब 2,500 लोगों और हजारों पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। कई गांव और सोसायटी जलमग्न हैं, ग्रेटर नोएडा की अजनारा होम्स सोसायटी के बेसमेंट में पानी भर जाने से गाड़ियां फंस गईं और लिफ्ट सेवाएं ठप हो गईं। बारिश के चलते बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है, नोएडा और गाजियाबाद के कई सेक्टरों में घंटों बिजली गुल रही। सीवेज और गंदा पानी सड़कों पर भरने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है।
मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर के लिए फ्लड अलर्ट जारी किया है और स्कूल बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन जलभराव और बीमारियों का खतरा अभी भी गंभीर बना हुआ है। अभी फिलहाल यमुना की स्थिति के बारे में बात करें तो खतरे से 2 मी ऊपर पानी यमुना नदी में बह रहा है, इसके साथ ही हथिनी कुंड से 3 लाख क्यूसेक पानी को छोड़ा गया है। इसके बाद जल स्तर यमुना में बढ़ने लगा है और यहां के रूप क्षेत्र में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
यहां की अथॉरिटी भी गौशाला और अन्य जो शेल्टर है उनको सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रही है ताकि कोई बड़ी अपनी घटना ना हो। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बीते तीन साल पहले जब बाद आई थी तब बहुत नुकसान हुआ था, और बहुत जद्दोजहद करनी पड़ी थी। लेकिन इस बार लोग तैयार है, वहीं आपको बता दें कि स्थानीय प्रशासन ने पूरी तरह कमर कस ली है, जल स्तर बढ़ने से पहले ही सेक्टर 135 स्थित गौशाला से करीब 800 गायों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, वही बाढ़ आने की चेतावनी भी जारी कर दी है।
बाढ़ के लिए हम पूरी तरह अलर्ट हैं। यहां जलस्तर बढ़ने के साथ खेती डूब रहे हैं, फॉर्महाउस में पानी घुसने लगा है और प्राधिकरण के एक STP प्लांट को यमुना के पानी ने अपनी चपेट में ले लिया है। आस पास के लोगों से अपील की गई है कि समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाए। नोएडा के सेक्टर 135 डूब क्षेत्र में बने फार्म हाउस में पानी घुसने के साथ ग्रामीणों की मुश्किल बढ़ रही है। निवासियों का यही कहना है कि हमने इंतजाम किए हैं, और ऐसी कोई स्थिति आती है तो हम पूरी तरह अलर्ट हैं।