Noida-VS Gurugram Property profit: दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी में निवेश की दिशा तेजी से बदल रही है.एक समय ऐसा था जब अगर कोई पूछता कि प्रॉपर्टी में निवेश कहां सबसे अधिक फायदेमंद है? कहां प्रॉपर्टी की कीमतें सबसे तेज बढ़ रही हैं तो लगभग हर निवेशक का पहला जवाब होता था गुरुग्राम क्योंकि कॉरपोरेट हब, शानदार सड़कें, ग्लोबल कंपनियां और लग्जरी लाइफस्टाइल पूरी तरह गुरुग्राम के नाम से ही जुड़ गया था. यही वह शहर है जहां इंटरनेशनल क्राउड तो है ही देश की धनाड्य शख्सियतों के बंगले या शानदार फ्लैट भी हैं.
हालांकि पिछले कुछ वर्षों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा ने जो विकास किया है और निवेशकों को जो रिटर्न दिया है, वह अब इस क्षेत्र को एनसीआर का सबसे बड़ा रियल एस्टेट हॉटस्पॉट बना रहा है. ऐसे में आज निवेशकों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि निवेश कहां ज्यादा फायदेमंद है, नोएडा में या गुरुग्राम में? तो आइए इसका जवाब यहां बताते हैं.
प्लांड सिटी बन रहा नोएडा-ग्रेनो नोएडा-ग्रेनो केवल एक विस्तारशील शहर नहीं रहा. यह अब भविष्य का प्लांड सिटी बन चुका है जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है और जहां निवेश पर रिटर्न लगातार बढ़ रहा है. आंकड़े बताते हैं कि नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतें पिछले पाँच-सात वर्षों में कई इलाकों में लगभग दोगुनी तक बढ़ चुकी हैं, विशेषकर नोएडा एक्सप्रेसवे, सेक्टर-150, सेक्टर-93, नोएडा एक्सटेंशन (ग्रेटर नोएडा वेस्ट) जैसी बेल्ट में.
नोएडा निवेश के लिए क्यों बेहतर माना जा रहा है?
. यहां शुरुआती निवेश गुरुग्राम के मुकाबले सस्ता है लेकिन बड़े और अच्छे रिटर्न की संभावना काफी ज्यादा है.
. इस शहर में शुरू हो रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) और नॉर्थ इंडिया की एकमात्र फिल्म सिटी इसे टॉप लेवल के शहरों में खड़ा करने जा रही है.
. इस शहर में गुरुग्राम के मुकाबले कम ट्रैफिक है, सड़कें और इन्फ्रास्ट्रक्चर गुरुग्राम से ज्यादा अच्छा है. यहां पानी भरने जैसी समस्याएं नहीं होतीं.
. इस समय नोएडा और ग्रेनो में कई बड़े आईटी पार्क और विदेशी कंपनियों का निवेश बढ़ता हुआ देखा जा रहा है.
. गुरुग्राम की तरह ही यहां लक्जरी प्रोजेक्ट्स की भरमार तो है ही ग्राहकों की बढ़ती मांग भी इसके विकास की कहानी कह रही है.
. सबसे खास बात है कि यह शहर हर तरफ से कनेक्टेड है. दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, गुरुग्राम आदि शहरों या कहें कि एनसीआर के हर हिस्से से शानदार कनेक्टेड है.
क्या है बाजार का असली रुख?
दिनेश जैन, मैनेजिंग डायरेक्टर, एक्जोटिका का कहना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अब केवल रेसिडेंशियल मार्केट नहीं रहे, बल्कि ये एक मजबूत कमर्शियल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो चुके हैं. आईटी या आईटीईएस कंपनियां, डेटा सेंटर्स, लॉजिस्टिक हब और ऑफिस स्पेसेज की बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र को निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक बना दिया है.बेहतर कनेक्टिविटी, एयरपोर्ट और कम लागत की वजह से कमर्शियल निवेश के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा इस समय सबसे ज्यादा संभावनाओं वाला बाजार बन चुके हैं.
वहीं विजन बिजनेस पार्क के फाउंडर वैभव अग्रवाल कहते हैं कि कमर्शियल रियल एस्टेट के लिहाज से नोएडा और ग्रेटर नोएडा आने वाले वर्षों में एनसीआर की ग्रोथ इंजन बनने वाले हैं. यहां ऑफिस, रिटेल और वेयरहाउसिंग के लिए जमीन की उपलब्धता, बेहतर प्लानिंग और सरकार का सपोर्ट निवेशकों को लॉन्ग-टर्म स्टेबिलिटी देता है.
ले क अश्वनी नागपाल (रि), सीओओ, डिलिजेंट बिल्डर्स कहते हैं कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मिड-सेगमेंट और लग्जरी दोनों की मांग तेजी से बढ़ी है. पिछले तीन-चार वर्षों में प्रोजेक्ट्स की बिक्री लगभग दोगुनी हुई है. ग्राहक अब सिर्फ घर नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल, सुविधा और आस-पास बढ़िया कनेक्टिविटी के बीच घर चाहते हैं और यही नोएडा- ग्रेनो को बाजार में अलग पहचान दे रहा है.
राकेश सिंघल फाउंडर केबी ग्रुप के अनुसार गौतम बुद्ध नगर की सबसे बड़ी ताकत उसका इंफ्रास्ट्रक्चर-आधारित विकास है. एक्सप्रेसवे, मेट्रो कनेक्टिविटी, आगामी जेवर एयरपोर्ट और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे को व्यवसाय के लिए प्रमुख गंतव्य बना दिया है.
हालांकि गौरव सोबती, फाउंडर, होमग्राम मानते हैं कि नोएडा और गुरुग्राम, दोनों ही अपने-अपने सेगमेंट में मजबूत हैं. गुरुग्राम आज भी प्रीमियम हाउसिंग और हाई-रेंटल यील्ड के लिए जाना जाता है, खासकर कॉर्पोरेट डिमांड के कारण.

