उत्तर प्रदेश में दशहरा का जश्न हर साल धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जिसे लोग बड़े उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते हैं. वाराणसी, अयोध्या जैसे शहरों में तो रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं. इन कार्यक्रमों को आयोजन 9 दिनों तक होता है और अंत में दशहरा के दिन विशाल पुतलों के साथ रामलीला का समापन होता है. ऐसे में हर कोई रावण को जलना देखना चाहता है, लेकिन आपको नहीं पता कि आपके शहर में कहां रावण का दहन किया जाएगा. यहां आपको आपके पास के रावण दहन की जगह, समय और मान्यता सबकुछ की जानकारी मिल जाएगी.
उत्तर प्रदेश में रावण दहन का कार्यक्रम दशहरा (शुक्ल पक्ष की दशमी) के दिन प्रदोष काल में होता है. इस बार दशमी तिथि एक अक्टूबर को शाम 7:01 बजे से शुरू होकर 2 अक्टूबर को शाम 7:10 बजे समाप्त हो रही है. क्योंकि रावण दहन हमेशा प्रदोष काल में किया जाता है, जो सूर्यास्त के बाद शुरू होता है. इसलिए इस बार रावण दहन 2 अक्टूबर को सूर्यास्त के बाद शाम 06:06 बजे होगा.
चित्रकूट में रावण दहन
धर्म नगरी चित्रकूट प्रभु श्रीराम की तपोस्थली रही है. प्रभु श्री राम ने अपने वनवास का साढ़े ग्यारह वर्ष यही बिताया था. ऐसे में आज चित्रकूट धाम रेलवे स्टेशन से लगभग तीन किलोमीटर दूर रामलीला धुस मैदान कर्वी में शाम 7 बजे करीब 25 फिट का रावण पुतला दहन किया जाएगा।
अमेठी में रावण दहन
गौरीगंज के रामलीला मैदान में 115 साल से रावण दहन का कार्यक्रम होता है. इसके साथ ही अमेठी के रामलीला मैदान में भी रामलीला समापन के बाद रावण का दहन होता है. इसके अलावा वहां बड़े मेले का भी आयोजन हो रहा है. वहीं, अन्य छोटी-छोटी जगहों पर जैसे तिलोई, मुसाफिरखाना, जगदीशपुर, मुंशीगंज साहित अलग-अलग स्थानों पर छोटे-छोटे पुतले का दहन किया जाता है।
कानपुर में रावण दहन
कानपुर महानगर में लगभग छोटे बड़े मिलाकर 100 जगह रावण के पुतलों का दहन होता है. वहीं सबसे प्रमुख रावण दहन की बात की जाए तो कानपुर के परेड रामलीला में 8:00 बजे से इसका प्रोग्राम शुरू हो जाएगा. दूसरा प्रोग्राम कानपुर के रेल बाजार मैदान पर भी होगा. यहां रावण दहन कानपुर का सबसे बड़ा और खास होता है. रावण मुंह से आग उगलता हुआ नजर आएगा तो वहीं एक-एक करके तीर लगते ही उसके सर भी हवा में ब्लास्ट होते हुए नजर आएंगे।
गाजियाबाद में रावण दहन
गाजियाबाद में दशहरा का पर्व इस बार पूरे उत्साह और परंपरा के साथ मनाया जा रहा है. शहर की सबसे पुरानी 125 साल पुरानी घंटाघर रामलीला में रावण दहन का कार्यक्रम शाम 10:30 बजे होगा. सांसद अतुल गर्ग द्वारा रावण दहन किया जाएगा. वहीं लगभग 45 साल पुरानी कविनगर रामलीला में भी रावण दहन का आयोजन शाम 7:30 बजे किया जाएगा, जहां सांसद अतुल गर्ग विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे. खास बात यह है कि कविनगर रामलीला में इस बार का 75 फुट ऊंचा रावण आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसके अलावा, विजयनगर रामलीला में रावण दहन का आयोजन देर रात 11 बजे किया जाएगा और इसे भी सांसद अतुल गर्ग द्वारा ही संपन्न किया जाएगा. गाजियाबाद की इन रामलीलाओं में इस बार अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है और हर जगह बड़ी संख्या में श्रद्धालु और दर्शक जुटने की संभावना है।
लखनऊ में रावण दहन
हर साल दशहरा पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ की पुतले जलाए जाते हैं. राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां के ऐशबाग रामलीला मैदान में सबसे प्रसिद्ध और भव्य रामलीला का आयोजन होता है. इसके अलावा जनेश्वर मिश्र पार्क, सदर बाज़ार, राजाजीपुरम और झूलेलाल घाट पर भी रावण दहन होगा. लखनऊ में शाम 6.05 बजे से शाम 7.10 बजे के बीच रावण दहन होगा।
मेरठ में रावण दहन
देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व गुरुवार यानी आज मनाया जाएगा. मेरठ में इस अवसर पर आठ स्थानों पर रावण दहन किया जाएगा. इनमें भैंसाली ग्राउंड में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा 130 फीट का रावण का पुतला जलाया जाएगा. साथ ही 120 फीट का कुंभकरण और 110 फीट का मेघनाद का पुतला भी दहन किया जाएगा. मेरठ को रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका होने के कारण रावण की ससुराल भी कहा जाता है. भैंसाली ग्राउंड के अलावा, लालकुर्ती क्षेत्र के तोपखाना बाजार, कसेरुखेड़ा, दिल्ली रोड स्थित रामलीला ग्राउंड, शास्त्री नगर के के ब्लॉक और जेल चुंगी समेत अन्य गली-मोहल्लों में भी छोटे रावण के पुतले जलाए जाएंगे।
नोएडा में रावण दहन
दिल्ली से सटे नोएडा में भी कई जगहों पर भव्य रामलीला का आयोजन होता है. नोएडा के सेक्टर 12/22 स्थित स्टेडियम में दशहरे का आयोजन किया गया है. यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. नोएडा में शाम 6.05 बजे से सात बजे के बीच रावण दहन का मुहूर्त होगा।
वाराणसी में रावण दहन
वाराणसी की बात करें तो यहां के मलदहिया, बरेका में होने वाली रामलीला दूर-दूर तक मशहूर है. दशहरे पर हर साल बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते थे और प्रदोष काल में होने वाले रावण दहन का आयोजन देखते है. इसे अलावा, कानपुर, आगरा, गोरखपुर, प्रयागराज समेत तमाम बड़े शहरों में दशहरा का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।

