आदित्य कुमार/ नोएडा. दिल्ली एनसीआर में लोग घर और जमीन खरीदने की इच्छा जरूर रखते हैं. आपने भी इस तरह से कुछ सोच रखा है और घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो जरा रुकिए और अपने योजना पर विचार कीजिए, कहीं आपको ब्रोकर या बिल्डर ने योजना में घर तो नहीं बेचा है? नोएडा में रहने वाले हजारों फ्लैट बायर्स ने इस तरह की स्कीम में घर लिया था, अब वो दशक से ज्यादा समय से परेशान है और घर का सपना देख रहे है.शशि ज्योति ने 7-8 साल पहले सुपरटेक इकोविलेज 2 में घर खरीदा था, उनको रेंटल स्कीम में घर बेचा गया था. जिसमें बैंक से लोन लेना था और पैसे बिल्डर के खाते में जाते. पैसे लेने के बाद जबतक घर नहीं मिलता उनका ईएमआई बैंक का बिल्डर देता और जिस घर में वो रह रहे हैं. उसका किराया भी बिल्डर देता लेकिन ऐसा हुआ नहीं. शशि बताती है कि अभी मैं ईएमआई भी दे रही हूं और घर का रेंट भी दे रही हूं. वो बताती है कि मेरे पति बीमार है, कभी भी हॉस्पिटल जाना पड़ जाता है. लेकिन घर मिलता दिखाई नहीं देता. जहां हमने बुक किया था वहां खंडहर बना हुआ है.तरह-तरह के वादे और स्कीम में फंस गए हजारों लोगमधु अरोरा सीनियर सिटीजन हैं, वो बताती है कि मैंने अपने रिटायरमेंट के पैसे से घर खरीद लिया था. सारी जमा पूंजी मैंने घर में लगा दिया लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी घर मिलता दिखाई नहीं देता. मधु बताती है कि घर चलाना मुश्किल हो गया है. इतनी महंगाई के जमाने में घर का किराया हमारा जा रहा है जबकि हमने घर खरीद लिया था. लेकिन घर हैंडओवर नहीं किया बिल्डर ने, जितने लोग थे सबको अलग अलग तरह से स्कीम में फंसाया था. हजारों लोग है जो सालों से घर का इंतजार कर रहे हैं.आईआरपी (Corporate Insolvency Resolution Process) हितेश गोयल बताते हैं कि फ्लैट बायर्स के संपर्क में हम है. बीते सप्ताह हमसे वो मिलने आए थे, हमने उन्हें फण्ड अलॉटमेंट के लिए प्रयास कर रहे हैं..FIRST PUBLISHED : May 31, 2023, 22:30 IST
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