झांसी. यूपी के झांसी को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने में मराठा वंश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से यहां लोहा लिया था. झांसी को अंग्रेजों से बचाए रखने के लिए और अपने पुत्र दामोदर राव को झांसी के अगले राजा के रूप में स्थापित करने के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था. वर्तमान में मराठा वंश के वंशज झांसी में नहीं रहते हैं. वह इंदौर और नागपुर में रहते हैं. हाल ही में एक निजी कार्यक्रम में दामोदर राव की पांचवीं पीढ़ी और छठी पीढ़ी के सदस्य झांसी आए थे. उन्होंने NEWS 18 LOCAL से खास बातचीत में कई मुद्दों पर चर्चा की.दामोदर राव की छठी पीढ़ी योगेश राव अपने पिता अरुण राव के साथ झांसी आए थे. उन्होंने बताया कि जब भी झांसी आते हैं तो अपनत्व का एहसास होता है. यहां आकर इस बात का एहसास होता है कि हमारे पूर्वज कितने महान थे. झांसी को पूरी दुनिया में अलग पहचान दिलाने का काम हमारे वंशजों ने किया है. उन्होंने कहा कि अन्य राजवंशों को जिस प्रकार का सम्मान मिलता है, वह महाराज गंगाधर राव के वंशजों को भी मिलना चाहिए था, लेकिन यह सम्मान आज तक नहीं मिल सका है.फर्जी वंशजों से सावधान रहेंयोगेश राव ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत तमाम स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को याद किया गया. महारानी झांसी के परिवार को राजस्थान सरकार ने बुलाया था, जहां मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने सम्मान किया था. इसके अलावा अन्य किसी सरकार ने उन्हें नहीं बुलाया. झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई के वंशज होने का दावा करने वाले प्रभाकर राव नाम के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति का हमारे परिवार से कोई लेना देना नहीं है. महाराज गंगाधर राव और महारानी लक्ष्मी बाई के परिवार में ऐसे किसी व्यक्ति का उल्लेख नहीं है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : September 29, 2022, 17:34 IST
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