नई दिल्ली, 07 दिसंबर। नाइजीरिया की सरकार ने हाल ही में हुई 100 छात्रों की अपहरण के मामले में सफलता हासिल की है। इन छात्रों को 21 नवंबर को नाइजर राज्य के सेंट मैरी स्कूल से अपहरण कर लिया गया था।
इस जानकारी को स्थानीय मीडिया ने सोमवार को दी है। अपहरण के समय छात्रों की संख्या 303 बताई गई थी, जिसे मिशनरी सिस्टर्स ऑफ आउर लेडी ऑफ एपोस्टल्स (OLA) के सुपीरियर जनरल मैरी बैरन ने बताया था। उन्होंने बताया कि छात्रों की उम्र 6 वर्ष से लेकर छोटी उम्र के छात्रों तक थे।
बैरन ने बताया कि अपहरण के समय 50 छात्रों ने भाग लिया और उन्होंने बताया कि उन्होंने पैदल ही चलकर अपने घर तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि उन्होंने सोचा कि वे वापस स्कूल नहीं जा सकते हैं, इसलिए उन्होंने पैदल ही चलकर आगे बढ़े।
अब तक 253 छात्रों और 12 शिक्षकों को अपहरण कर लिया गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि कितने छात्रों को रिहा किया जाएगा।
अपहरण के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि नाइजीरियाई सरकार ने कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि नाइजीरिया में हो रही घटनाएं एक शर्म की बात हैं।
इसके बाद, अमेरिकी वॉर सेक्रेटरी पीट हेगसेट ने नाइजीरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नूह रिबादू से मुलाकात की और कहा कि अगर नाइजीरिया में ईसाईयों के साथ हिंसा जारी रहती है, तो अमेरिका नाइजीरिया को आर्थिक सहायता बंद कर देगा।
हेगसेट ने कहा कि नाइजीरिया को ईसाईयों के साथ हिंसा रोकने के लिए तत्काल और स्थायी कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका नाइजीरिया के साथ मिलकर हिंसा को रोकने के लिए काम करेगा।
इस मामले में अमेरिकी सरकार ने कहा है कि नाइजीरिया में ईसाईयों के साथ हिंसा रोकने के लिए अमेरिका नाइजीरिया के साथ मिलकर काम करेगा।

