नोएडा: भारत में बेरोजगारी की समस्या एक बड़ी चुनौती है, लेकिन आयोम संस्था ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए एक अनूठा रास्ता प्रस्तुत किया है. आयोम संस्था देशभर में विभिन्न प्रदेशों और जिलों में स्किल शिक्षा प्रदान कर रही है, जिससे लोगों को न केवल स्किल सीखने का अवसर मिल रहा है, बल्कि उन्हें रोजगार भी दिलाने में मदद मिल रही है.
आयोम संस्था के सचिव प्रेरित मानसिंह ने बताया कि सामाजिक सेवा उनके परिवार की पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा है, और वे उसी को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आयोम पूरे देश के कोने-कोने तक पहुंचकर लोगों को न सिर्फ स्किल शिक्षा दे रही है, बल्कि उन्हें रोजगार दिलाने में भी अहम भूमिका निभा रही है. उनका कहना है कि संस्था के कार्यक्रमों से अब तक करोड़ों लोग लाभ उठा चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है.
आयोम संस्था दो तरीके से काम करती है – एक तो लोग उनके पास आते हैं और दूसरे वे लोगों की जरूरतों के हिसाब से उनके पास पहुंचते हैं. हर स्थिति में उनका लक्ष्य एक ही है – लोगों को लाभ हो और उनकी जिंदगी में सुधार आए.
आयोम संस्था के परिवार में 6 से 7 हजार वालंटियर हैं, जो इस मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं. संस्था की पॉलिसी एड्युवुकेसी पहल के जरिए भी बड़ा काम किया गया है. इसी प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से देश में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को यूनिवर्सलाइज करने की वकालत हुई, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 80 से 81.35 करोड़ लोग लाभान्वित हुए, और यह सुविधा 2029 तक सुनिश्चित कर दी गई है.
आयोम संस्था खासकर महिलाओं के शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और सशक्तीकरण पर गंभीरता से काम कर रही है. उनकी कोशिश है कि हर महिला अपने पैरों पर खड़ी हो, अपनी पहचान बनाए और अपनी जिंदगी में आगे बढ़े. संस्था के ट्रेनर्स पहले व्यक्ति की रुचि और उसकी स्थिति का आकलन करते हैं, फिर 5-6 प्रमुख स्किल में से उसे वही कोर्स कराया जाता है जो उसके क्षेत्र और भविष्य, दोनों के लिए सबसे उपयुक्त हो. स्किल सीखने के तुरंत बाद संस्था रोजगार दिलाने में भी मदद करती है, जिससे युवा और महिलाएँ आत्मनिर्भर बन सकें.

