NEET में नहीं हुआ सलेक्शन? तो पैरामेडिकल फील्ड में बनाएं अपना करियर..यहां भी मिलता है लाखों का पैकेज

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अलीगढ़: अगर आप भी मेडिकल फील्ड मे जाना चाहते हैं और नीट क्वालीफाई नहीं कर सके या एमबीबीएस मे नहीं हुआ सालेक्शन तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. ऐसे मे आप पैरामेडिकल फील्ड मे भी अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं. दरअसल, पैरामेडिकल क्षेत्र आज के समय में हेल्थकेयर इंडस्ट्री का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है. यह चिकित्सा क्षेत्र के ऐसे पेशेवरों को तैयार करता है जो डॉक्टरों और नर्सों के सहायक के रूप में कार्य करते हैं और रोगियों की देखभाल में अहम भूमिका निभाते हैं. मेडिकल इमरजेंसी, डायग्नोसिस, थैरेपी और लैब से संबंधित सेवाओं में पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह क्षेत्र युवाओं के लिए रोजगार के सुनहरे अवसर प्रदान करता है.

क्या होनी चाहिए योग्यता

जानकारी देते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर काज़ी एहसान अली बताते हैं कि इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए छात्रों को 12वीं पास होना आवश्यक है. हालांकि, अधिकांश डिप्लोमा और डिग्री कोर्सेज के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (PCB) विषयों के साथ न्यूनतम 45-50% अंक अनिवार्य होते हैं. कुछ संस्थानों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस परीक्षा भी ली जाती है, जबकि कई निजी संस्थानों में डायरेक्ट एडमिशन की सुविधा उपलब्ध होती है.

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क्या होती है फीस

उन्होंने बताया कि पैरामेडिकल कोर्सेज की फीस संस्थान और कोर्स की अवधि पर निर्भर करती है. डिप्लोमा कोर्स (जैसे– रेडियोलॉजी, लैब टेक्नीशियन, इमरजेंसी मेडिकल टेक्नोलॉजी आदि) की फीस ₹30,000 से ₹1,00,000 प्रति वर्ष तक हो सकती है, जबकि डिग्री कोर्स (जैसे– B.Sc. in Paramedical Sciences, Physiotherapy आदि) के लिए ₹50,000 से ₹2,00,000 तक वार्षिक शुल्क लग सकता है. हालांकि, सरकारी संस्थानों में फीस अपेक्षाकृत कम होती है. जैसे हमारे यहाँ केवल 10 हज़ार से 12 हज़ार है. इस फील्ड मे बीएससी से लेकर पीएचडी तक की जा सकती है. जिसके बाद आप एक प्रोफेसर बन सकते हैं और 2 से 3 लाख महीना तक कमा सकते हैं.

क्या होती है सैलरी

उन्होंने कहा कि कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों को सरकारी अस्पतालों, निजी क्लीनिक, डायग्नोस्टिक लैब्स, नर्सिंग होम्स, मेडिकल रिसर्च सेंटर्स और एंबुलेंस सेवाओं में नौकरी के अवसर मिलते हैं. प्राइवेट में शुरुआती वेतन ₹10,000 से ₹25,000 प्रति माह तक हो सकता है, जो अनुभव और विशेषज्ञता के साथ ₹50,000 से ₹1,00,000 प्रति माह तक भी पहुंच सकता है. विदेशों में पैरामेडिकल प्रोफेशनल्स की डिमांड अधिक है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छा करियर बनाया जा सकता है. इस प्रकार, पैरामेडिकल क्षेत्र एक ऐसा करियर विकल्प है जो न केवल सामाजिक सेवा से जुड़ा है, बल्कि युवाओं को स्थायित्व और आर्थिक रूप से मजबूत भविष्य भी प्रदान करता है.

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