Nature can cure chronic back pain naturally claims british scientists | प्रकृति में छुपा है पुराने पीठ दर्द का हल? ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया बड़ा कनेक्शन

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Nature can cure chronic back pain naturally claims british scientists | प्रकृति में छुपा है पुराने पीठ दर्द का हल? ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया बड़ा कनेक्शन



अगर आप लंबे समय से पीठ दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं और अब तक कोई समाधान नहीं मिल पाया है, तो आपके लिए एक राहत की खबर है. ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक अध्ययन में पाया है कि प्रकृति के बीच समय बिताना पुराने पीठ दर्द से राहत दिलाने में असरदार हो सकता है.
यह शोध प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल ‘द जर्नल ऑफ पेन’ में प्रकाशित हुआ है. इसमें बताया गया है कि प्राकृतिक वातावरण में सैर करना, ताजगी भरी हवा लेना और हरियाली के बीच वक्त बिताना पुराने पीठ दर्द को मानसिक और शारीरिक रूप से कम करने में मददगार हो सकता है.
सालों तक चला अध्ययनशोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के तहत 10 ऐसे लोगों से बात की, जो कई वर्षों से क्रॉनिक लोअर बैक पेन यानी लंबे समय से पीठ दर्द की समस्या से परेशान थे. इनमें से कुछ लोग तो पिछले 40 सालों से इस परेशानी का सामना कर रहे थे. शोध में यह बात सामने आई कि जो लोग नियमित रूप से जंगलों, पार्कों या समुद्र के किनारे टहलते हैं, उन्हें दूसरों से जुड़ने का मौका मिलता है और उनका अकेलापन भी दूर होता है.
प्रतिभागियों ने बताया कि प्राकृतिक नजारों, बहते पानी की आवाज और ताजी हवा ने उनके तनाव और चिंता को कम किया. इन चीजों से उन्हें शांति मिली, जो सीधे तौर पर उनके दर्द की अनुभूति को कम करने में मदद की. यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ के मनोविज्ञान विभाग के शोधकर्ता अलेक्जेंडर स्मिथ ने बताया कि पुराना पीठ दर्द अकेलेपन और मानसिक थकान को बढ़ा सकता है, लेकिन हमारी रिसर्च बताती है कि प्राकृतिक माहौल में वक्त बिताना एक नई और असरदार थेरेपी बन सकता है.
क्या करें?अलेक्जेंडर स्मिथ ने यह भी सुझाव दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं को इस दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए और पीठ दर्द से जूझ रहे लोगों को प्रकृति से जोड़ने की प्लानिंग बनानी चाहिए. बेहतर वॉकिंग ट्रेल्स, आरामदायक बैठने की जगह और वर्चुअल रियलिटी जैसे ऑप्शन इस अनुभव को सबके लिए सुलभ बना सकते हैं.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी पीटीआई)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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