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naegleria fowleri brain eating amoeba symptoms causes death in south korea nsmp | South Korea: इस खतरनाक संक्रमण ने ली व्यक्ति की जान, बीमारी के लक्षण और मौत का कारण जान हैरान रह जाएंगे आप!



Brain Eating Amoeba: एक तरफ कोरोना ने दुनियाभर में कोहराम मचा दिया है. बीतते साल के साथ एक बार फिर से इन दिनों कोरोना का खौफ देखने को मिल रहा है. ऐसे में अब लोग इसे लेकर फिर से दहशत में आ गए हैं. कोरोना से लोग अभी उबर नहीं पाएं हैं कि अब एक नई किस्म की बीमारी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. हाल ही में दक्षिण कोरिया से एक ऐसा मौत का मामला सामने आया है, जिसे सुनने के बाद हर कोई हैरान है. साउथ कोरिया में नेगलेरिया फाउलेरी नाम की बीमारी से एक व्यक्ति की जान चली गई. जानकारी के अनुसार, ये व्यक्ति कुछ ही दिन पहले थाईलैंड से लौटा था. यह व्यक्ति नेगलेरिया फाउलेरी से संक्रमित था. दरअसल, ये एक प्रकार का अमीबा है, जो इंसान के दिमाग को ही नष्ट कर देता है. तो चलिए जानते हैं इस संक्रमण के लक्षण के बारे में…
क्या है नेगलेरिया फाउलेरी ?आपको बता दें, नेगलेरिया फाउलेरी की बीमारी का पहला मामला अमेरिका में 1937 में सामने आया था. वहीं, कोरिया में यह इस बीमारी का पहला मामला है. नेगलेरिया फाउलेरी एक तरह का अमीबा होता है, जो व्यक्ति के दिमाग पर अटैक करता है. इसलिए ब्रेन ईटिंग अमीबा भी कहा जाता है. यह अमीबा ज्यादातर गर्म, मीठे पानी की झीलों, नदियों, नहरों या तालाबों में पाया जाता है. ये नाक के जरिए इंसान के दिमाग में प्रवेश करता है और ब्रेन टिशू को नष्ट कर देता है. यह भी कह सकते हैं कि ये अमीबा व्यक्ति के दिमाग को अंदर ही अंदर खा जाता है. 
क्या हैं नेगलेरिया फाउलेरी के लक्षण?अगर इंसान के दिमाग में नेगलेरिया फाउलेरी अमीबा का प्रवेश हुआ है तो एक से 12 दिनों के अंदर ही इस भयानक संक्रमण के लक्षण दिखने लगते हैं. ये लक्षण कुछ-कुछ बैक्टीरियल इंफेक्शन मिनीनजाइटिस में दिखते हैं. शुरुआत में मामूली सिरदर्द और फिर इसके लक्षण गंभीर रूप लेने लगते हैं. इससे व्यक्ति की जान चली जाती है. यही नहीं इंसान कोमा में भी जा सकता है. इसमेंभयानक सरदर्द होना, मतली या उलटी होना, गर्दन में अकड़न, लाइट को लेकर आंखों पर जोड़ पड़ना, उलझन होना, भूख न लगना, स्वाद न आना, दौरे आना, बेहोशी आना, धुंधला नजर आना इसके मुख्य लक्षण हैं.
नेगलेरिया फाउलेरी से कैसे करें बचावहालांकि, नेगलेरिया फाउलेरी अभी तक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता नहीं दिखा है. यानी जरूरी नहीं कि इस संक्रमण से संक्रमित व्यक्ति दूसरे इंसान को भी संक्रमित कर सके. वहीं, इससे बचाव के लिए डॉक्टर से संपर्क करें, लेकिन इससे बचने की संभावना काफी कम होती है. इसलिए बेहतर होगा कि जहां यह बीमारी फैली है, वहां के सार्वजनिक पानी में तैरने या उसके इस्तेमाल से बचें.
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