Last Updated:June 27, 2025, 16:21 ISTअगर आपने कभी टाइगर रिजर्व, वाइल्डलाइफ सेंचुरी या किसी खूबसूरत ईकोटूरिजम स्पॉट पर जाने का प्लान बनाया हो, लेकिन वहां रहने की जगह न मिलने से पीछे हट गए हों, तो अब आपको निराश होने की ज़रूरत नहीं है. जल्द ही आपकी स…और पढ़ेंपीलीभीत. अगर आपने कभी टाइगर रिजर्व, वाइल्डलाइफ सेंचुरी या किसी खूबसूरत ईकोटूरिजम स्पॉट पर जाने का प्लान बनाया हो, लेकिन वहां रहने की जगह न मिलने से पीछे हट गए हों, तो अब आपको निराश होने की ज़रूरत नहीं है. जल्द ही आपकी सैर में आपका स्टे आपके साथ ही चलेगा. वन निगम ने इसको लेकर कवायद तेज कर दी है. दरअसल, हाल ही में उत्तर प्रदेश वन निगम (Forest Corporation) ने एक ऐसा शानदार आइडिया पेश किया है जो ईकोटूरिज्म का चेहरा बदल सकता है.वन निगम की ओर से यूपी के सभी टाइगर रिजर्व में मोटरहोम चलाने की कवायद शुरू की है. मोटरहोम दिखने में तो एक सामान्य बस जैसा है, लेकिन इसके अंदर एक छोटा एसी कमरा, किचन, वॉशरूम, स्टोरेज, बैड, टीवी और फ्रिज जैसी सुविधाएं भी हैं. जंगलों के बीच, चिड़ियों की चहचहाहट और पेड़ों की सरसराहट के बीच जब आप मोटरहोम के अंदर चाय की चुस्की लेंगे, तो लगेगा जैसे आपने किसी फिल्म या फिर वेब सीरीज का सीन असल जिंदगी में जी लिया हो.
न टेंट का झंझट… न होटल की चिंताइसमें न सिर्फ रोमांच है, बल्कि वो सुकून भी है जो भागती-दौड़ती जिंदगी से दूर किसी शांत जंगल में ही मिलता है. यूपी फॉरेस्ट कॉर्पोरेशन का मानना है कि जहां परमानेंट स्ट्रक्चर नहीं बन सकता, वहां मोटरहोम कैपिंग ईकोटूरिज्म को एक नई दिशा दे सकता है. मोटरहोम को कर्तनिया घाट, दुधवा नेशनल पार्क पीलीभीत टाइगर रिजर्व में चलाने की योजना है.मोटरहोम में हर वो सुविधाएं उपलब्ध होती हैं जो आपको घर का सुकून दे. इसे खासतौर पर उन जगहों के लिए बनाया गया है, जहां जंगल के बीच परमानेंट होटल या रेस्ट हाउस नहीं बनाए जा सकते.
अभी तय नहीं हुआ किरायाUPFC के एमडी कार्तिक कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेंड्स से प्रेरणा लेकर ये यूनिक आइडिया लाया गया है ताकि लोग नेचर से जुड़ सकें. जब लोग जंगल सफारी पर जाएंगे, तो अपनी जरूरी चीजें मोटरहोम में सुरक्षित रखकर टूर पर जा सकते हैं और वापसी में उसी मोटरहोम में आराम कर सकेंगे. हालांकि इस मोटर होम का किराया कितना होगा और इसकी बुकिंग कैसे की जा सकेगी इसको लेकर अभी तस्वीर साफ़ नहीं है.Location :Pilibhit,Pilibhit,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshन टेंट का झंझट… न स्टे की चिंता! अब चलते-फिरते होटल से करें जंगलों का दीदार,