Last Updated:July 13, 2025, 20:59 ISTChitrakoot News: चित्रकूट के डिपो गांव में बरसात ने मुसीबत बढ़ाई है. पक्की सड़कें नहीं हैं, मरीजों को खटिया पर ले जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की, लेकिन समाधान नहीं मिला. विकास के दावों पर सवाल.हाइलाइट्सबरसात में चित्रकूट के डिपो गांव की हालत खराब.गांव में पक्की सड़कें नहीं, मरीजों को खटिया पर ले जाना पड़ता है.ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद समाधान नहीं मिला.चित्रकूट: एक तरफ जहां बरसात ने पूरे प्रदेश में गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड के कई गांवों के लिए ये मौसम मुसीबत बनकर आया है. आजादी के 75 साल से भी ज्यादा वक्त गुजर जाने के बाद भी चित्रकूट जिले के कुछ गांव बुनियादी सुविधाओं से अब तक वंचित हैं. उन्हीं में से एक है मारकुंडी ब्लॉक के किहुनिया पंचायत के अंतर्गत आने वाला डिपो गांव, जहां आज भी पक्की सड़क सिर्फ एक सपना बना हुआ है.
गांव के हालात चौंकाने वालेजब लोकल 18 की टीम डिपो गांव पहुंची तो वहां की हालत देखकर हैरानी हुई. गांव में न कोई पक्की सड़क है, न ही कोई सुरक्षित संपर्क मार्ग. हर तरफ कीचड़ और बरसाती पानी फैला हुआ है. गलियां दलदल जैसी हो गई हैं, जिनसे होकर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं बड़ी मुश्किल से गुजरते हैं.
मरीजों को खटिया पर ले जाना पड़ता है
गांव के निवासी शिवम और शिव शरण ने बताया कि बरसात के समय हालात इतने खराब हो जाते हैं कि किसी को बीमार होने पर खटिया पर लादकर गांव से बाहर ले जाना पड़ता है, क्योंकि एम्बुलेंस या कोई अन्य वाहन गांव तक नहीं आ पाता. गांव के बच्चों को स्कूल जाने के लिए कीचड़ में फिसलते हुए निकलना पड़ता है, जिससे उनके लिए पढ़ाई भी एक संघर्ष बन गई है.
अब तक नहीं हो पाया समाधानस्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक और जिला स्तर तक अपनी समस्या कई बार रखी है. हर बार केवल आश्वासन मिले, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं निकला. ग्रामीणों का कहना है कि बरसात में गांव का संपर्क पूरी तरह से मुख्य सड़क से टूट जाता है, और यह समस्या साल दर साल बनी रहती है.
Location :Chitrakoot,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshन सड़क, न सुविधा! बारिश आई नहीं कि चित्रकूट के इस गांव में ठहर जाती है ज़िंदगी