समाजसेवी गुरजीत सिंह साहनी ने बताया कि जब कोरोना काल में जनता काफी परेशान हो गई थी और गरीब लोग भूख के मारे तड़पने लगे थे. तब उस दौरान महेश बाटला ने कुछ समाजसेवियों के सहयोग के साथ मिलकर रेलवे स्टेशन पर ही एक लंगर शुरू किया था.
Source link
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि गिरफ्तार व्यक्तियों को लिखित रूप में और उनकी समझी जाने वाली भाषा में कारण बताए जाने की अनिवार्यता है।
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में आरोपित व्यक्तियों के अधिकारों का समर्थन करते…

