Health

mustard seeds benefits in kidney and dangerous diseases | Mustard Seeds: ये छोटे-छोटे दाने बड़ी बीमारियों को जड़ से कर देते हैं खत्म, जानें इसके अनोखे फायदे



Mustard Seeds Benefits: भारतीय घरों में ज्यादातर पकवान सरसों के तेल में ही बनाया जाता है. इसका कारण है, कि एक तो स्वाद को बढ़ावा मिलता है, दूसरा सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. वहीं सरसों के दाने भी कई तरह के पकवानों में इस्तेमाल किए जाते हैं. आपको बता दें, यह कैल्शियम और पोटैशियम से भरपूर होते हैं. प्राचीन समय में सरसों के बीज का उपयोग कई तरह की दवाओं के रूप में भी किया जाता था. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, सरसों के बीज बड़ी से बड़ी बीमारी को मिटाने में कारगर होते हैं. आइये जानें कैसे…कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
सरसों के बीज किडनी की सेहत के लिए कैसे हैं फायदेमंद?
सरसों के दानों में सोडियम और नमक की मात्रा काफी कम होती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, डाइट में कम नमक लेने से रीनल फेलियर का खतरा भी कम होता है. खासतौर से उन मरीजों में जो लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे होते हैं.
डॉक्टर्स हमेशा उन लोगों को कम नमक खाने की सलाह देते हैं, जिन्हें किडनी में पत्थरी की दिक्कत है. स्वस्थ किडनी अतिरिक्त फ्लूएड्स को बाहर निकाल देती है और सोडियम व फ्लूएड्स को संतुलित रखती है. वहीं, बीमारी होने पर आपकी किडनी अतिरिक्त फ्लूएड्स को बाहर नहीं निकाल पाएगी, जिससे शरीर में तनाव बढ़ेगा. खासतौर पर दिल पर.
तेजी से भरता है घाव- सिनिग्रिन का जब लिपिड युक्त फाइटोसोम्स के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे घाव को जल्दी भरने में मदद मिलती है. फाइटोसोम्स वसा के अणु होते हैं, जो जड़ी-बूटियों पर आधारित रसायनों के अवशोषण को बढ़ाकर उनके प्रभाव को बढ़ाने में मदद करते हैं.
सरसों के बीज एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर- सरसों के बीज में फेनॉलिक कम्पाउंड अधिक होते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और उनके हानिकारक प्रभावों को रोकते हैं. सरसों के बीजों में टोकोफेरोल्स होता है, जो विटामिन-ई के परिवार से आता है.
आर्थराइटिस के दर्द में आराम- सरसों के बीज रूमाटाइड आर्थराइटिस के लक्षणों में भी आराम पहुंचाने का काम करते हैं. इनमें सेलेनियम और मैग्नीशियम होता है, जो इस तकलीफ को कम करने का काम करते हैं.
कैंसर का खतरा कम- एक रिसर्च के अनुसार, सरसों के बीज में कुछ यौगिक कार्सिनोजेनिक प्रक्रियाओं से जुड़े प्रतिक्रियाशील नाइट्रोजन समूहों को कम करने में मदद करते हैं. सिनिग्रिन जैसे यौगिक कैंसर कोशिका के मरने का कारण बनते हैं.
ब्लड शुगर लेवल कम होता है- डॉक्टर्स के अनुसार, सरसों के बीज का रोजाना सेवन करने से टाइप-2 डायबिटीज में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिलती है. इसलिए जिन्हें डायबिटीज की शिकायत है, वो सरसों के बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं.  
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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