Mushrooms boost memory: मशरूम खाने से इंसान की याददाश्त अच्छी हो सकती है. यह बात हाल ही में किए गए नए अध्ययन में सामने आई है. अध्ययन में कहा गया है कि ब्रेन के सेल्स के विकास के लिए मशरूम बहुत ही कारगर है.
ऑस्ट्रेलिया में स्थित क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शेर की अयाल नामक मशरूम में एक ऐसे एक्टिव कंपाउंड की खोज की है, जिससे लोगों की याद रखने की क्षमता बढ़ सकेगी. प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर फ्रेडरिक मेयुनियर ने बताया की मशरूम का परीक्षण करने पर एक सक्रिय यौगिक मिला, जिसकी पहचान हेरिकियम एरीनेसस के रूप में हुई है.बता दें, यह अध्ययन जर्नल ऑफ न्यूरो केमिस्ट्री में प्रकाशित हुआ है. वैज्ञानिक यह जानना चाहते थे कि इसका दिमाग पर क्या असर पड़ता है. इसलिए एक परीक्षण किया गया और मशरूम के हेरिकियम एरीनेसस यौगिक को अलग करके उसकी जांच की गई। तब सामने आया कि मशरूम खाने से याददाश्त अच्छी होती है.
अल्जाइमर के इलाज में है काफी कारगरसह लेखक और क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के डॉक्टर रेमन मार्टिनेज मर्मोल ने बताया कि यह खोज बहुत अलग है. हमारा विचार नेचुरल सोर्स से बायोएक्टिव कंपाउंड की पहचान करना था, जो दिमाग तक पहुंच सकते हैं. इस कंपाउंड में देखा गया कि ये न्यूरॉन्स के विकास को नियंत्रित कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मेमोरी में सुधार होता है. वहीं इससे अल्जाइमर रोग जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर का इलाज कर सकते हैं. यह काफी समय से एशियाई देशों में पारंपरिक चिकित्सा के रूम में उपयोग किए जा रहे हैं.
इम्यून सिस्टम को मजबूत करता हैमशरूम में मौजूद तत्व इम्यूनिटी को मजबूत करता है. इसे खाने से सर्दी-जुकाम जल्दी नहीं होता. साथ ही मशरूम में मौजूद सेलेनियम इम्यून सिस्टम के रिस्पॉन्स को बेहतर करता है. विटामिन डी के लिए भी इसे बेहद अच्छा माना जाता है. शरीर की आवश्यकता का 20 प्रतिशत विटामिन डी मिलता है. मशरूम में बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जिससे वह वजन और ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता.
‘Right to dignity prevails over press freedom’
NEW DELHI: The Delhi High Court held on Thursday that an individual’s right to dignity and reputation overrides…

