Last Updated:June 15, 2025, 21:29 ISTMushroom farming tips: सहारनपुर जनपद मशरूम उत्पादन में नंबर एक स्थान रखता है. यहां के युवा लगातार नौकरी की ओर ना भाग कर अपना स्वयं का स्वरोजगार स्थापित कर रहे हैं. सहारनपुर में हर साल हजारों से अधिक मशरूम की यूनिट लगाई जाती है और अगर कोई युवा मशरूम की खेती करना चाहता है तो अब वह घर बैठे ही मशरूम के बैग तैयार कर अच्छा मुनाफा कमा सकता है. मशरूम का बैग तैयार करने के लिए भूसा, फार्मिल, कार्बेंडाजिम और मशरूम इस्पान की आवश्यकता पड़ती है. साथ ही मशरूम का बैग तैयार होने में 15 दिन का समय लगता है और 15 दिन के बाद फ्रूटिंग शुरू हो जाती है जो कि अगले 3 महीने तक चलती है. वहीं मशरूम किंग के नाम से पहचान रखने वाले कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी व प्रोफेसर डॉक्टर आई.के. कुशवाहा लगातार युवाओं को मशरूम के प्रति जागरूक कर रहे हैं और अब युवा घर बैठे भी मशरूम के बैग तैयार कर एक अच्छा उत्पादन कर एक अच्छी इनकम जनरेट कर सकते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी व प्रोफेसर डॉक्टर आई.के. कुशवाहा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश में हमारा जनपद सहारनपुर, ग्रामीण युवाओं के बलबूते कृषि विज्ञान केंद्र की तकनीकी सहयोग से प्रदेश में सबसे आगे नंबर एक पर चल रहा है। सहारनपुर में मिल्की और ओएस्टर मशरूम ज्यादातर उगाई जाती हैं, हालांकि दोनों का स्पॉन अलग-अलग होता है लेकिन बैग तैयार करने का तरीका एक जैसा ही है। सबसे पहले मशरूम का बैग तैयार करने के लिए साफ-सुथरा भूसा लेना होता है 100 लीटर पानी में 125 मि.ली. फार्मिल, 10 ग्राम कार्बेन्डाजिम मिलाकर 10 से 15 किलो भूसा मिलाकर किसी ड्रम में डालकर ज़मीन में खोदे गड्ढे में दबा देना होता है. शाम को दबाने के बाद सुबह बैग निकाल लिए जाते हैं और फिर उन्हें किसी ऊंचे स्थान पर रखकर सारा पानी निकाल दिया जाता है. पानी निकलने के बाद भूसे को साफ जगह पर रखकर उसमें मशरूम का स्पॉन मिलाकर छोटे-छोटे बैगों में भर दिया जाता है. 10 किलोग्राम भूसे में 1 किलोग्राम ओएस्टर मशरूम का स्पॉन और 10 किलो भूसे में डेढ़ किलो मिल्की मशरूम का स्पॉन मिलाया जाता है. बैग तैयार होने के बाद उसका मुंह बंद कर उसमें चारों तरफ 10 से 15 छोटे-छोटे छिद्र कर दिए जाते हैं. 15 दिन बाद ओएस्टर मशरूम में स्पॉन रन होने लगता है और मशरूम निकलना शुरू हो जाती है. वहीं, मिल्की मशरूम के बैग को ऊपर से खोलकर उस पर बाग की मिट्टी, वर्मी कम्पोस्ट से बनी केसर मिट्टी की 1-2 इंच की लेयर चढ़ा दी जाती है और हल्का छिड़काव किया जाता है. 20-25 दिन बाद उसमें मशरूम निकलना शुरू हो जाता है. मशरूम की सावधानी की बात करें तो इन्हें उन स्थानों पर रखना चाहिए जहां ठंडक और नमी ज्यादा हो. ओएस्टर मशरूम के लिए तापमान 20 से 25 डिग्री और मिल्की मशरूम के लिए 25 से 35 डिग्री उपयुक्त होता है. इस तरीके से ग्रामीण युवा घर बैठे ओएस्टर और मिल्की मशरूम के बैग तैयार कर सकते हैं.homeagricultureइस तरह तैयार करें मशरूम बैग, घर बैठे होगी कमाई; जल्द बन जाएंगे मालामाल