पीयूष शर्मा
मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद रेलवे स्टेशन के ठीक सामने स्थित अग्रवाल वैष्णव भोजनालय लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है. मुरादाबाद में कारोबार के सिलसिले में देश के अलग-अलग राज्यों से व्यापारियों का आना-जाना लगा रहता है. इसके अलावा, पड़ोस के उत्तराखंड के नैनीताल घूमने आने वाले सैलानी पहले ट्रेन से मुरादाबाद जंक्शन पहुंचते हैं, फिर वहां से किसी अन्य संसाधन से पहाड़ों पर घूमने निकलते हैं.
शाहकारी खाना पसंद करने वाले हर मुसाफिर की इच्छा मुरादाबाद में कुछ मशहूर खाने को चखने की होती है. ऐसे लोगों और नॉनवेज नहीं खाने वालों के लिए यहां बहुत अच्छा और स्वादिष्ट भोजन मिलता है. लगभग सौ साल पुराने अग्रवाल वैष्णव भोजनालय में हर खाना शुद्ध देसी घी का तड़का लगाकर और घर में कूटे मसालों से बनाया जाता है. यहां की खासियत है कि हर दो घंटे में दाल, सब्ज़ी, पनीर, चावल बनाने के लिएं नया भगोना (बड़ा बर्तन) चढ़ता है. अग्रवाल जी मसालों को अपने घर पर पीसकर तैयार करते हैं और उसको ही सब्जी में डालते हैं. इससे सब्जी का स्वाद और गुणवत्ता बढ़ जाती है.
अग्रवाल भोजनालय के मालिक पवन अग्रवाल ने न्यूज़ 18 लोकल से बातचीत में कहा कि हमारा होटल अंग्रेजों के जमाने का होटल है. हमारे दादा जी के बड़े भाई ने यह होटल खोला था. आज की तारीख में हमारी पांचवी पीढ़ी इस होटल को चला रही है. हमारा खाना बहुत ही सादा और सिंपल होता है. भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. जैसे पुराने जमाने में चूल्हे की रोटी को लोग पसंद करते थे वैसे ही हमारे होटल पर आज भी चूल्हे की रोटी बनकर तैयार होती है. इसको लोग काफी पसंद करते हैं.
आज भी है 100 साल पुराना टेस्ट
दाल में हम सिर्फ हींग, जीरा और मिर्च के साथ देसी घी का छौंका (तड़का) लगाते हैं. हमारे खाने का स्वाद आज भी 100 साल पुराना टेस्ट है. यह भगवान का दिया हुआ गिफ्ट है, जो हमारा खाना इतना स्वादिष्ट होता है. लोग इसे बेहद पसंद करते हैं. हमारे यहां दो प्रकार की थालियां है, पहली शाही थाली है जिसमें घी नहीं पड़ता है. य 120 रुपए की है. जबकि दूसरी फ्राई थाली है. इसमें दाल में देसी घी का तड़का लगाकर परोसा जाता है. यह 160 रुपए में दी जाती है. थाली में एक कटोरी चावल और अनगिनत रोटी के साथ दो दाल जिसमें एक अरहर व दूसरी उड़द की होती है. इसके साथ आलू की सब्जी और दूसरी कोई आलू-गोभी या लौकी की सब्जी देते हैं.
हर बार साफ बर्तन में बनता है खाना
पवन अग्रवाल ने बताया कि अग्रवाल भोजनालय में हर दो से तीन घंटे में खाना बनाने वाले भगोने को बदल दिया जाता है. वहीं, बचा हुआ खाना गरीबों में बांट दिया जाता है. इसके बाद ताजा भोजन नए भगोने में बनाया जाता है. होटल में सबसे ज्यादा भीड़ दोपहर दो बजे से शाम के चार बजे तक एवं रात आठ बजे से लेकर आधी रात 12 बजे तक रहती है.
अग्रवाल वैष्णव भोजनालय में बिना लहसुन-प्याज से बना वैष्णवी खाना सभी धर्मों के लोग बहुत शौक से खाते हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी यह खाना पसंद आता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Healthy food, Moradabad News, Street Food, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : November 02, 2022, 17:54 IST
Source link
Weightlifting beats running for blood sugar control, study finds
NEWYou can now listen to Fox News articles! New research suggests that picking up the weights may be…

