लखनऊ. यूपी कोऑपरेटिव बैंक मुख्यालय का सर्वर हैक कर 146 करोड़ रुपये हड़पने की कोशिश के मामले में एसटीएफ में 3 फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी अरमाना ,वकार और वहीदुर रहमान एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही नेपाल फरार हो गए थे. कुछ वक्त पहले ही तीनों बदमाश वापस भारत लौटे थे. एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि बैंक से उड़ाई गई रकम ट्रांसफर करने के लिए जिन खातों का इस्तेमाल किया गया था, उन अकाउंट का इंतजाम अरमाना ने किया था. एक बड़ा बैंक खाता गंगासागर सिंह का था. इस गंगासागर सिंह को अरमाना ने ही वारदात के मास्टरमाइंड से मिलवाया था.

आरोपी अरमाना अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट कर चुकी है. वह मन नाम के एक एनजीओ से भी जुड़ी हुई थी. साइबर फ्रॉड के कुछ गिरोह से भी उसकी करीबी की बात भी अब सामने आई है. तो वहीं वाहिद और वाहिद उर रहमान प्रॉपर्टी डीलिंग के धंधे से जुड़े हुए हैं.

5 आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तारएसटीएफ ने पिछले साल ही इस वारदात के दो मास्टरमाइंड समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. बता दें कि अक्टूबर 2022 में यूपी कोऑपरेटिव बैंक के 7 खातों से 8 बार में 146 करोड़ रुपये एक निजी बैंक के कई खातों में ट्रांसफर किए गए थे. इसमें सहायक कैशियर विकास पांडे और मैनेजर मेवालाल की आईडी का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि समय रहते ही यह रकम फ्रीज कर दी गई थी. लिहाजा रकम बैंक के खातों से नहीं निकल पाई थी. अभी भी इस पूरे मामले में 4 आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश में एसटीएफ जुटी हुई है.

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आरोपियों ने पिछले साल एक करोड़ रुपये खर्च कर तीन हैकरों की मदद से बैंक से 7 खातों के जरिए पैसे ट्रांसफर करने की कोशिश की थी. हालांकि समय रहते रकम को फ्रीज कर दिया गया था, जिससे पैसे ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हो पाए थे. एसटीएफ इस मामले में पूर्व प्रबंधक सहित 5 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
.Tags: Bank fraud, Cyber Fraud, Lucknow news, Up crime news, UP newsFIRST PUBLISHED : October 19, 2023, 13:30 IST



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