Mahendra Singh Dhoni: भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि अपने काम से खिलाड़ियों का सम्मान और लॉयल्टी अर्जित करना ही लीडरशिप का अहम हिस्सा है. बता दें कि धोनी अपनी कप्तानी में भारत को दो वर्ल्ड कप और एक चैम्पियंस ट्रॉफी जिता चुके हैं. इनके अलावा उनकी कप्तानी में टीम पहली बार आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में टॉप पर भी पहुंची थी. धोनी ने एक कार्यक्रम के दौरान एक लीडर को कैसे सम्मान अर्जित करना चाहिए, इस पर अपनी राय व्यक्त की.
‘खिलाड़ियों की रेस्पेक्ट मिलना जरूरी’
भारत को तीन ICC ट्रॉफी जिताने वाले धोनी ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘लॉयल्टी का सम्मान से गहरा ताल्लुक है. जब आप ड्रेसिंग रूम की बात करते हो तो जब तक आपको सहयोगी स्टाफ और खिलाड़ियों का सम्मान नहीं मिलेगा तब तक आपके लिए उनकी लॉयल्टी हासिल करना मुश्किल है.’ उन्होंने कहा, ‘वास्तव में यह दिखाता है कि आप क्या कर रहे हो, ये नहीं कि आप क्या बोल रहे हो. आप भले ही कुछ भी नहीं बोलो, लेकिन आपका स्वभाव आपको वह सम्मान दिला सकता है.’
‘सम्मान हासिल करने की कोशिश नहीं करो’
धोनी ने कहा कि एक लीडर के लिए यह सम्मान उसके काम से आता है, उसकी बातों से नहीं. उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा लगता था कि एक लीडर के रूप में सम्मान अर्जित करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कुर्सी या पद के साथ नहीं आता है. यह आपके स्वभाव से आता है. कई बार लोग असुरक्षित होते हैं. कभी-कभी भले ही टीम आप पर विश्वास करती हो, लेकिन वास्तव में आप ही पहले व्यक्ति हो जो खुद पर विश्वास नहीं करोगे. कम शब्दों में कहूं तो सम्मान हासिल करने की कोशिश नहीं करो, बल्कि इसे अर्जित करें क्योंकि यह बहुत स्वाभाविक है. एक बार जब आपके पास इस तरह की लॉयल्टी होगी तो प्रदर्शन भी आएगा.’
‘हर खिलाड़ी को समझना है जरूरी’
धोनी ने कहा कि इसके लिए पहला कदम ड्रेसिंग रूम में प्रत्येक खिलाड़ी को समझना है जिसमें उनकी मजबूती और कमजोरियां शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग दबाव पसंद करते हैं और कुछ को यह पसंद नहीं है. एक व्यक्ति की मजबूती और उसकी कमजोरी को समझना महत्वपूर्ण है. जब एक बार आप ऐसा कर लेते हैं तो आप उस खिलाड़ी को बिना बताए ही उसकी कमजोरी पर काम करना शुरू कर देंगे.’
(एजेंसी इनपुट के साथ)
Shivraj Patil’s last rites performed with state honours; Om Birla, Kharge present
In between, he was a member of the Maharashtra legislative assembly from Latur for two terms between 1972…

