Most undisciplined player in cricket history Stuart Broad father Chris Broad story cricket career | क्रिकेट इतिहास का सबसे बिगड़ैल खिलाड़ी! सिडनी में तोड़ दिया स्टंप, अंपायर को दिखाता था आंख

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Most undisciplined player in cricket history Stuart Broad father Chris Broad story cricket career | क्रिकेट इतिहास का सबसे बिगड़ैल खिलाड़ी! सिडनी में तोड़ दिया स्टंप, अंपायर को दिखाता था आंख



Chris Broad Cricket Story: क्रिकेट इतिहास में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अपना नाम कमाया है. डॉन ब्रैडमैन से लेकर सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली तक ने इस खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. क्रिकेट जगत में कुछ भी प्लेयर हुए हैं जो लगातार गलत कारणों से सुर्खियों में रहे हैं. हम एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में आपको यहां बता रहे हैं जो अपने खेल से ज्यादा आक्रामक व्यवहार के कारण मशहूर हुआ. वह लड़ाई झगड़े करने में आगे रहता था और बाद में मैच रेफरी बनकर काफी नाम कमाया.
लगातार तीन टेस्ट शतक ठोकने वाला खिलाड़ी
एक मैच रेफरी जो पहले क्रिकेटर था और अलग-अलग कारणों से चर्चा में बना रहता था. उस प्लेयर के बेटे ने क्रिकेट जगत में पिता से ज्यादा नाम कमाया. हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड के महान तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के पिता क्रिस ब्रॉड की. 19 सितंबर 1957 को सोमरसेट में जन्मे क्रिस ब्रॉड ने कई यादगार पारियां खेली हैं.वह बाएं हाथ के बल्लेबाज थे. इसके अलावा वह दाएं हाथ से गेंदबाजी करते थे. 28 जून 1984 को उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था. वनडे फॉर्मेट में उनका पहला मैच एक जनवरी 1987 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मचाता था धमाल
ब्रॉड ने पहले टेस्ट की पहली पारी में वेस्टइंडीज के खिलाफ 55 रन बनाए थे. इसके बाद उन्होंने 1986 में बल्ले से आग लगा दी. ब्रॉड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ, एडिलेड और मेलबर्न में लगातार तीन शतक लगाए. उन्होंने तीन शतक और लगाए. इनमें से एक पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में जड़ा था. सिडनी में ऑस्ट्रेलिया और क्रास्टचर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ शतकीय पारी खेली. हालांकि, उनका करियर सिर्फ 25 मैचों में समाप्त हो गया. 1984 में डेब्यू करने वाले ब्रॉड ने 1989 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला. वनडे करियर तो 1987 में शुरू होकर अगले साल 1988 में ही खत्म हो गया.
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विवादों से गहरा नाता
क्रिस ब्रॉड ने मैच रेफरी बनकर कई खिलाड़ियों को काफी सजा दी है. एक समय था जब अंपायर और मैच रेफरी उनकी आदतों से काफी परेशान रहते थे. एक बार लाहौर में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान अंपायर ने उन्हें आउट दिया तो उन्होंने मैदान से बाहर जाने से इनकार कर दिया. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि दो महीने बाद ही उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया जिससे उनकी काफी आलोचना हुई थी. सिडनी टेस्ट में उन्होंने स्टंप ही तोड़ दिया था. इस कारण वह निशाने पर आ गए थे. उनकी गलतियां निकाली जाने लगी थीं. खराब फील्डिंग और आक्रामक रवैये ने उनके करियर को जल्द ही समाप्त कर दिया.
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ब्रॉड का करियर
क्रिस ब्रॉड ने 25 टेस्ट मैच में 44 पारियों में 39.54 की औसत से 1661 रन बनाए. उन्होंने 6 शतक और 6 अर्धशतक लगाए. ब्रॉड का हाइएस्ट स्कोर 162 रन रहा है. उन्होंने 34 वनडे मैचों में 40 की औसत से 1361 रन बनाए. इस दौरान एक शतक और 11 अर्धशतक ठोके हैं. उनका उच्चतम स्कोर 106 रहा है. वह 340 फर्स्ट क्लास और 319 लिस्ट ए मैच खेल चुके हैं. इनदोनों में उनके कुल 61 शतक हैं. ब्रॉड ने फर्स्ट क्लास में 21892 रन और लिस्ट ए में 10396 रन बनाए हैं.



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