नई दिल्ली: शिक्षा और साक्षरता मंत्रालय के सचिव संजय कुमार का कहना है कि समाज को बेटी की शिक्षा में अधिक निवेश करना आवश्यक है। गुरुवार को दिल्ली में आयोजित ‘दिल्ली डायलॉग्स’ के इंटरैक्टिव सत्र में शामिल होते हुए कुमार ने सीबीएसई स्कूलों के स्थिति को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, उन्होंने कहा, “सीबीएसई स्कूलों में दो प्रकार के स्कूल हैं, एक सरकारी और दूसरा निजी। सरकारी सीबीएसई स्कूलों में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है, जबकि निजी सीबीएसई स्कूलों में लड़कों की संख्या लड़कियों से बहुत अधिक है।”
शिक्षा विभाग द्वारा साझा किए गए डेटा के अनुसार, 5 अप्रैल 2024 को निजी सीबीएसई स्कूलों में लड़कों की संख्या लगभग 25 लाख अधिक थी जितनी लड़कियों की संख्या थी – 1,16,22,447 लड़के और 91,70,484 लड़कियां। इसकी तुलना में सरकारी स्कूलों में लड़कियों की संख्या 19,14,859 थी, जबकि लड़कों की संख्या 17,96,817 थी।
सचिव कुमार ने लड़के के प्रति प्राथमिकता देने के कारणों को विस्तार से बताया, “इसमें समाज के लिए एक संदेश है – हमें बेटी की शिक्षा में अधिक निवेश करना होगा। हम मध्यम वर्ग में अधिक लड़कों के प्रति निवेश करने के प्रति अधिक प्रवृत्ति रखते हैं।” उन्होंने कहा कि इस पहलू को सार्वजनिक चर्चा में शामिल करना आवश्यक है ताकि सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके।

