Last Updated:August 08, 2025, 00:00 ISTMoradabad News: मुरादाबाद जिला जेल में क्षमता से ढाई गुना ज्यादा कैदी हैं. जेल अधीक्षक आलोक सिंह के नेतृत्व में कैदियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. मुरादाबाद और संभल में नई जेलें बनने से दबाव कम होगा.मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद जिला जेल इन दिनों चर्चा में है. इसकी वजह है यहां की जरूरत से कहीं ज्यादा कैदी और जल्द बनने वाली दो नई जेलें. जिला कारागार मुरादाबाद की क्षमता 906 बंदियों की है. लेकिन वर्तमान में इसमें 2300 से अधिक कैदी बंद हैं. यानि निर्धारित क्षमता से ढाई गुना ज्यादा कैदी यहां रह रहे हैं. इसके बावजूद जेल प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि कैदियों को हर जरूरी सुविधा मिल सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें.
जेल परिसर में 30 बेड का एक अस्पताल भी है. यहां रोज़ाना लगभग 200 से 250 मरीज इलाज के लिए आते हैं. इनमें से 15 से ज्यादा मरीज फिलहाल भर्ती हैं. जेल अधीक्षक आलोक सिंह के नेतृत्व में बंदियों को विभिन्न प्रकार की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें. इस जेल में मुरादाबाद के अलावा संभल जिले के कैदी भी रखे जाते हैं, जिसकी वजह से बंदियों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है.
दो जिलों के कैदी, एक ही जेल में
जेल अधीक्षक आलोक सिंह बताते हैं कि मुरादाबाद जेल में मुरादाबाद और संभल, दोनों जिलों के बंदी रहते हैं. पहले अमरोहा के कैदी भी यहीं रखे जाते थे, लेकिन शासन के निर्देश के बाद उन्हें बिजनौर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. वर्तमान में दो जिलों के बंदियों की उपस्थिति के कारण जेल पर दबाव बढ़ गया है. इसी को देखते हुए शासन ने नई जेलें बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं.
मुरादाबाद और संभल में बनेंगी नई जेलेंभीड़भाड़ से राहत पाने के लिए मुरादाबाद में नई जेल के निर्माण की तैयारी की जा रही है. इसके लिए ज़मीन खरीदी जा चुकी है. निर्माण से पहले की योजना यानी डीपीआर तैयार करके शासन को भेज दी गई है. अब इसे मंज़ूरी मिलने का इंतज़ार है. इसी तरह, संभल में भी नई जेल बनाई जा रही है. वहां ज़मीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया लगभग 90% पूरी हो चुकी है. जल्द ही वहां भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इन दोनों जेलों के बन जाने से मुरादाबाद जेल पर कैदियों का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा.
कैदियों को मिल रही जरूरी सुविधाएं
जेल में बंदियों की संख्या भले ही जरूरत से ज़्यादा है, लेकिन जेल प्रशासन की कोशिशों से किसी को कोई विशेष दिक्कत नहीं हो रही है. जेल अधीक्षक आलोक सिंह का कहना है कि बंदियों को जेल मैनुअल के अनुसार रखा गया है. उनकी पूरी देखभाल की जा रही है. हर एक कैदी की जरूरत को समझकर सुविधा दी जा रही है. जैसे ही नई जेलें तैयार होंगी, भीड़भाड़ से राहत मिल जाएगी और व्यवस्थाएं और बेहतर हो जाएंगी.
यह भी पढ़ें: बचे हुए चावल से झटपट बनाएं ये मजेदार स्नैक्स, टेस्टी भी, हेल्दी भी, ट्राई करें ये 3 यूनिक रेसिपीज
भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर हो रहा निर्माणनई जेलों का निर्माण केवल वर्तमान की समस्या को हल करने के लिए नहीं, बल्कि आने वाले 10 वर्षों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. इसका उद्देश्य यह है कि भविष्य में भी कैदियों की संख्या बढ़ने पर किसी तरह की परेशानी न हो. बड़ी और आधुनिक सुविधाओं वाली जेलें, कैदियों के पुनर्वास और सुरक्षित जीवन के लिए बेहतर माहौल प्रदान करेंगी.Location :Moradabad,Uttar PradeshFirst Published :August 08, 2025, 00:00 ISThomeuttar-pradeshमुरादाबाद जेल की भारी भीड़ से राहत दिलाएंगी दो नई जेलें, जानें पूरी प्लानिंग