Health

MOH Jagat Prakash Nadda focus on high BP diabetes control 1 point 75 crore 30+ patients identified in 6 months | NCD Control Program: सिर्फ 6 महीने में मिले 1.75 करोड़ हाई बीपी-डायबिटीज के मरीज, डिजीज कंट्रोल के लिए सरकार ने शुरू किया अभियान



देश में हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी गैर-संचारी बीमारियां (NCDs) तेजी से बढ़ रही हैं, और इन्हें समय रहते कंट्रोल करना अब सरकार की प्राथमिकता बन चुका है. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 30 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की स्क्रीनिंग और इलाज की व्यवस्था शुरू की है.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2025 से जून 2025 के बीच ही 1.11 करोड़ हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) और 64 लाख डायबिटीज के मामलों की पहचान की गई है, जिसके बाद इन सभी का इलाज शुरू किया जा रहा है. यह अभियान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत चल रहे ‘नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ नॉन-कम्युनिकेबल डिज़ीजेज’ (NP-NCD) का हिस्सा है, जो देशभर में लागू किया जा रहा है.
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इलाज की व्यवस्था 
देश में अब तक 770 जिला स्तरीय NCD क्लीनिक, 233 कार्डियक केयर यूनिट, और 6410 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) पर NCD क्लीनिक स्थापित किए जा चुके हैं. इन केंद्रों पर मरीजों को नि:शुल्क दवाएं, नियमित फॉलो-अप, और विशेषज्ञ सलाह दी जा रही है. ASHAs, ANMs और CHOs जैसे फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे रोगियों को नियमित दवा लेने, जीवनशैली में बदलाव और व्यायाम, खानपान व धूम्रपान/शराब से बचाव की सलाह दे सकें.
स्क्रीनिंग और जागरूकता अभियान
20 फरवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक देशभर में 30 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए एक विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलाया गया. इसमें करोड़ों लोगों की जांच की गई और समय पर बीमारी की पहचान कर इलाज शुरू किया गया. ASHAs द्वारा घर-घर जाकर CBAC (कम्यूनिटी बेस्ड असेसमेंट चेकलिस्ट) फॉर्म के माध्यम से जोखिम मूल्यांकन किया गया. जोखिम वाले लोगों को नजदीकी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) या स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के लिए भेजा गया.
फॉलोअप के लिए ऑनलाइन व्यवस्था
सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल (STPs)अपनाए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को समान और प्रभावी इलाज मिल सके. NCD पोर्टल के माध्यम से मासिक फॉलो-अप किया जाता है, जिसमें मरीज की विजिट, दवा वितरण और रिकवरी की जानकारी दर्ज होती है.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 



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