भारत में अर्थव्यवस्था की स्थिति और लोकतंत्र की सेहत पर चिंता जताते हुए, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि देश में सफल योजनाओं जैसे कि मनरेगा जैसी योजनाएं, जिन्होंने लाखों लोगों के लिए सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा की जाली प्रदान की, अब वेतन संकट से जूझ रही हैं। उन्होंने कहा कि कामगारों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक शक्ति का अत्यधिक संकेंद्रण न केवल अर्थव्यवस्था के लिए समस्या है, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा पर सीधा हमला है। जब आर्थिक शक्ति कुछ हाथों में केंद्रित हो जाती है, तो राजनीतिक निर्णय भी उन्हीं के पक्ष में होने लगते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे बढ़ती हुई सामाजिक और आर्थिक असमानता की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, लाखों नागरिकों को लोकतंत्र और विकास की प्रक्रिया से बाहर होना पड़ रहा है।
म3एम हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 में शामिल लोगों की कुल संपत्ति 16.7 लाख करोड़ रुपये के बराबर है, जो भारत के जीडीपी के लगभग आधे हिस्से के बराबर है। इस लिस्ट में 1,687 व्यक्तियों की संपत्ति एक हजार करोड़ रुपये से अधिक है, जिनमें से 284 की संपत्ति बढ़ी है और 148 नए नाम शामिल हुए हैं।
हुरुन ने कहा है कि भारत ने पिछले दो वर्षों से हर हफ्ते एक अरबपति का निर्माण किया है, जिन लोगों की सूची में शामिल हैं, उनकी संपत्ति रोजाना एक हजार करोड़ रुपये बढ़ती है।