Uttar Pradesh

ममता कुलकर्णी विवाद नहीं थमा…. कौन हैं टीना मां? क्यों उन्हें बनाना पड़ा अलग अखाड़ा, तस्वीरें बताती हैं असली कारण

प्रयागराज में किन्नर अखाड़े के भीतर चल रहे मतभेद आखिरकार खुलकर सामने आ गए, जिसके बाद “सनातनी किन्नर अखाड़े” का विधिवत गठन किया गया. किन्नर अखाड़े से अलग होकर टीना मां उर्फ स्वामी कौशल्या नंद गिरी ने नया अखाड़ा स्थापित किया, जिसका शुभारंभ संगम तट पर वैदिक मंत्रोच्चार, अभिषेक और भव्य अनुष्ठानों के बीच हुआ.

यह गठन न केवल किन्नर समाज में नई दिशा की शुरुआत है, बल्कि आंतरिक विवादों के बाद उभरती एक नई धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान भी प्रस्तुत करता है. किन्नर अखाड़े के गठन के दस साल बाद पहली बार उसमें बड़ा विभाजन देखने को मिला है. बुधवार को संगम नगरी प्रयागराज में किन्नर अखाड़े से अलग होकर “सनातनी किन्नर अखाड़ा” का विधिवत गठन किया गया. इस नए अखाड़े का नेतृत्व किन्नर अखाड़े की पूर्व महामंडलेश्वर और प्रदेश अध्यक्ष स्वामी कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां ने संभाला है. टीना मां अपने शिष्यों के साथ पहले संगम तट पहुंचीं, जहां उन्होंने त्रिवेणी में स्नान किया. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनका अभिषेक हुआ और इसके बाद बैरहना स्थित दुर्गा पूजा पार्क में वैदिक विधि-विधान के बीच उन्हें पट्टा अभिषेक कर आचार्य महामंडलेश्वर घोषित किया गया. उनके अभिषेक के दौरान काशी से आए डमरू वादकों ने डमरू बजाकर आरती की, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा. कार्यक्रम में मौजूद किन्नरों ने नाचते-गाते हुए जमकर खुशी मनाई.

प्रयागराज, अयोध्या, कानपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, मिर्जापुर और वाराणसी से आए किन्नरों ने अपने गुरुओं के आशीर्वाद के साथ नए अखाड़े के गठन को समर्थन दिया. इस विभाजन की वजह किन्नर अखाड़े में चल रहा आंतरिक विवाद माना जा रहा है. महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनी पूर्व फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी उर्फ यामाई ममता नंद गिरी के लगातार बढ़ते वर्चस्व को लेकर किन्नरों में असंतोष था. इसके बाद गोरखपुर में ममता कुलकर्णी द्वारा अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े बयान ने विवाद को और भड़का दिया. नतीजतन किन्नर अखाड़ा दो भागों में बंट गया. टीना मां ने आरोप लगाया कि किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अखाड़े को तानाशाही तरीके से संचालित कर रही हैं, जिसके कारण सनातनी किन्नर अखाड़ा बनाना जरूरी हो गया. वहीं सनातनी किन्नर अखाड़े से जुड़ी कामाख्या पीठाधीश्वर भवानी मां ने बताया कि वे पहले जूना अखाड़े से संबद्ध किन्नर अखाड़े का हिस्सा थीं, लेकिन 2024 में ही विवादों और असंतोष के कारण अलग हो गईं. उन्होंने कहा कि नया अखाड़ा जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरी महाराज के सानिध्य में काम करेगा. मुंबई की प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और अभिनेत्री गौरी सामंत भी इस नए अखाड़े के गठन में शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि वे किन्नर अखाड़े की संस्थापक सदस्य रही हैं, लेकिन अखाड़ा अपने मूल उद्देश्यों से भटक गया था. इसलिए उन्होंने अलग राह चुनी है. उनका अखाड़ा अब सनातन धर्म, सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण, संस्कृत शिक्षा और गौ संरक्षण की दिशा में काम करेगा. सनातनी किन्नर अखाड़े का गठन किन्नर समाज के भीतर एक नई दिशा और नए संकल्प की शुरुआत माना जा रहा है.

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