मल से खून क्यों आता है | which disease cause blood in stool | मल से खून आना किस बीमारी का संकेत | blood in stool | मल से खून आने के पीछे हो सकते हैं ये 5 जानलेवा कारण! जानिए कब डॉक्टर के पास भागें?

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मल से खून क्यों आता है | which disease cause blood in stool | मल से खून आना किस बीमारी का संकेत | blood in stool | मल से खून आने के पीछे हो सकते हैं ये 5 जानलेवा कारण! जानिए कब डॉक्टर के पास भागें?



अकसर लोग मल में खून आना को नॉर्मल समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह लक्षण किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है. जब टॉयलेट पेपर पर खून के धब्बे दिखते हैं या मल लाल या काले रंग का नजर आता है, तो घबराना स्वाभाविक है. परंतु घबराने से पहले सतर्क होना जरूरी है, क्योंकि ये संकेत आपके शरीर में छिपी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा कर सकते हैं.
यह सिर्फ बवासीर या फिशर नहीं हो सकता, कभी-कभी ये लक्षण आंतों की अंदरूनी ब्लीडिंग, कोलन कैंसर, अल्सर या क्रोहन डिजीज जैसे खतरनाक बीमारियों के भी हो सकते हैं. खासकर अगर यह समस्या बार-बार हो रही है, खून की मात्रा ज्यादा है या इसके साथ दर्द, कमजोरी, वजन घटना या थकान भी महसूस हो रही है तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें.
इस स्टोरी में हम जानेंगे मल में खून आने के पांच खतरनाक कारणों के बारे में और कब आपको बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए. ध्यान रहे, समय रहते बीमारी की पहचान और इलाज ही जीवन बचाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं.
1. बवासीर (Piles / Hemorrhoids)यह सबसे आम कारणों में से एक है. जब मलद्वार के आसपास की नसें सूज जाती हैं, तो मलत्याग के दौरान खून आ सकता है. इसमें दर्द के साथ या बिना दर्द के खून आना संभव है. आमतौर पर यह स्थिति लंबे समय तक कब्ज रहने, गर्भावस्था या अत्यधिक तनाव के कारण होती है.
2. एनल फिशर (Anal Fissure)यह मलद्वार की त्वचा में एक छोटा कट होता है, जो कठोर या सूखे मल के कारण बनता है. इसमें तेज़ जलन और दर्द के साथ चमकीला लाल खून आ सकता है.
3. आंतों में अल्सर या इन्फेक्शनकभी-कभी छोटी या बड़ी आंतों में अल्सर या किसी बैक्टीरियल/वायरल इन्फेक्शन की वजह से आंतों की अंदरूनी परत से खून बह सकता है. इसके लक्षणों में दस्त, पेट दर्द और बुखार भी शामिल हो सकते हैं.
4. कोलन कैंसर या रेक्टल कैंसरअगर मल में लगातार खून आ रहा है, वजन घट रहा है, पेट में दर्द रहता है या मल त्याग की आदतों में बदलाव हो रहा है, तो यह कोलन या रेक्टल कैंसर का संकेत हो सकता है. यह स्थिति उम्रदराज लोगों में ज्यादा देखी जाती है, लेकिन अब यह युवाओं को भी प्रभावित कर रही है.
5. इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD)यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें आंतों की परत में सूजन आ जाती है. क्रोहन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस इसके प्रमुख प्रकार हैं. इसमें मल में खून के साथ-साथ म्यूकस, पेट में ऐंठन और वजन कम होना सामान्य है.
कब जाएं डॉक्टर के पास?* अगर मल में खून बार-बार आ रहा हो* मल काला, टेरी (गाढ़ा) या बदबूदार हो* वजन तेजी से घट रहा हो* पेट में लगातार दर्द या बेचैनी हो* कब्ज और दस्त बार-बार हो रहे हों
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 



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