उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं की भर्ती शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में भी प्रोत्साहित की जा रही है। उन्होंने स्कूल शिक्षा में सुधार के बारे में बात करते हुए कहा कि वर्तमान में बेसिक शिक्षा परिषद के तहत 16 मिलियन से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने 2017 से पहले की बात करते हुए कहा कि 70-75% लड़कियां स्कूल में बिना जूते पहने और खराब कपड़े पहनकर आती थीं। उन्होंने बुंदेलखंड से एक घटना का जिक्र किया जहां एक छोटी लड़की ने उन्हें बताया था कि उनके परिवार में जूते केवल उनके भाई के लिए खरीदे जाते हैं, न कि उनके लिए क्योंकि वह लड़की है। उन्होंने कहा कि यह घटना उन्हें बहुत प्रभावित की और उन्होंने सुधार लाने का फैसला किया कि हर बच्चे को दो यूनिफॉर्म, एक स्कूल बैग, पुस्तकें, जूते, सॉक्स और स्वेटर मिलें, जिसकी कीमत हर बच्चे के लिए 1200 रुपये होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री कányा सम्मंगल योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हर बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक 25000 रुपये का वित्तीय पैकेज दिया जाता है। इसमें जन्म के समय 5000 रुपये, एक साल की टीकाकरण के बाद 2000 रुपये, पहली और छठी कक्षा में 3000 रुपये प्रत्येक, नौवीं कक्षा में 5000 रुपये और 12वीं कक्षा में पास होने पर 7000 रुपये शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से 26 लाख से अधिक बेटियों को सीधे लाभ हुआ है।
उन्होंने मुख्यमंत्री समूहिक विवाह योजना का भी जिक्र किया और कहा कि हर बेटी को विवाह के लिए 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं जैसे कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, फिट इंडिया मूवमेंट, स्वच्छ भारत mission (12 करोड़ टॉयलेट) और उज्ज्वला योजना (10 करोड़ कनेक्शन) ने महिलाओं के जीवन को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी खतरों से मुक्ति दिलाती हैं और उनकी गरिमा को बनाए रखती हैं।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ महिलाएं मजबूत परिवार बनाती हैं। उन्होंने कहा कि योजनाएं जैसे कि आयुष्मान भारत (जिसमें 50 करोड़ लोगों को लाभ हुआ है) और 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन देने की योजना महिलाओं की गरिमा से जुड़ी हुई हैं।