विटामिन बी12 की कमी के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (ICRIER) के एक स्टडी के अनुसार, 650 मिलियन लोगों में विटामिन बी12 की पर्याप्त मात्रा नहीं है. ये कमी इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि ये विटामिन रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन, डीएनए सिंथेसिस, नर्वस सिस्टम को हेल्दी रखने का काम करने के साथ आपके ब्रेन, आंख और हड्डियों को सपोर्ट करता है.
विटामिन बी12 की कमी पूरी तरह से आपके डाइट पर डिपेंड होती है, क्योंकि इसे शरीर खुद नहीं बना पाता है. प्राकृतिक रूप से ये विटामिन मांसाहारी चीजों में मौजूद होता है, जो शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों में विटामिन बी 12 की कमी की एक बड़ी वजह भी है. हालांकि पुरुषों में विटामिन b12 की कमी ज्यादा कॉमन है, लेकिन महिलाओं में इसकी गंभीरता की संभावना अधिक होती है. क्योंकि ये प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग को मुश्किल बना सकता है, जिससे शिशु की सेहत खतरे में आ सकती है.
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महिलाओं में विटामिन बी12 की कमीमहिलाओं में विटामिन महिलाओं में विटामिन बी12 की कमी अक्सर प्रजनन आयु की महिलाओं को प्रभावित करती है और गर्भावस्था व स्तनपान के दौरान जटिलताएं पैदा कर सकती है. विटामिन बी12 की कमी यदि लंबे समय तक बनी रहे तो इससे न्यूरोलॉजिकल डिसफंक्शन और ऑस्टियोपोरोसिस होने का भी खतरा होता है.
महिलाओं में विटामिन बी12 की कमी के लक्षणखून की कमीइंफर्टिलिटीथकान और कमजोरीअनियमित पीरियड्सहैवी ब्लीडिंग
विटामिन बी12 की कमी के लिए घरेलू उपायमोरिंगामोरिंगा में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और टिश्यू को प्रोटेक्ट करने वाले गुण होते हैं. मोरिंगा कोलाइटिस और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसे पाचन विकारों के उपचार में सहायक होता है. इसके साथ ही इसमें विटामिन बी12 और डी3 की प्रचुर मात्रा भी होती है. इसका सेवन आप सूप या चाय के रूप में कर सकते हैं.
करी पत्ते करी पत्ता एक सुपरफूड है जो आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी के अधिकांश स्पेक्ट्रम आदि से भरपूर होता है. इन्हें चबाने से आपकी याददाश्त तेज हो सकती है और त्वचा संबंधी समस्याओं में भी आराम मिल सकता है. विटामिन बी12 के लक्षणों में सुधार के लिए इसका सेवन बहुत कारगर माना जाता है.
पॉपी सीड्सये भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाला एक मसाला है जिसे खसखस भी कहा जाता है. इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, मैंगनीज, पॉलीअनसेचुरेटेड फैट, कुल कार्बोहाइड्रेट, डायटरी फाइबर और विटामिन सी, ई, और बी5 प्रचुर मात्रा में होते हैं. ऐसे में इसके रोजाना सेवन से विटामिन बी12 के लेवल में सुधार हो सकता है.
अश्वगंधाहालांकि अश्वगंधा में विटामिन B12 नहीं होता. लेकिन अश्वगंधा में मौजूद औषधीय गुण तनाव कम करने और पूरे शरीर की सेहत को दुरुस्त करने में मदद करते हैं, जो कि विटामिन बी12 की कमी का सबसे बड़ा नुकसान होता है.
त्रिफलात्रिफला, तीन फलों (आमलकी, विभीतकी और हरीतकी) का मिश्रण है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है. इसके रोजाना सेवन विटामिन बी12 सहित पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करता है, जो कमी को दूर करने के लिए जरूरी है.
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कब जाएं डॉक्टर के पास
यदि विटामिन बी12 की कमी में यहां बताए गए घरेलू उपायों से महीने भर में कोई सुधार न दिखे तो डॉक्टर से तुरंत जांच कराना जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट लक्षणों की गंभीरता के अनुसार सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं. ध्यान रखें बिना परामर्श सप्लीमेंट लेना सेहत के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है. Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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