Uttar Pradesh

महंत नरेंद्र ग‍िर‍ि डेथ केस: हाईकोर्ट ने खार‍िज की आनंद गिरि की जमानत याच‍िका, कहा- जेल से बाहर आने पर…



साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी मामले में मुख्य अभियुक्त शिष्य आनंद गिरि को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर बहस पूरी होने के बाद अदालत ने 7 सितंबर को फैसला रिजर्व कर लिया था. जस्टिस संजय सिंह की सिंगल बेंच ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी खारिज करने का फैसला सुनाया है. 53 पेज के जजमेंट में अदालत ने इस आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया है कि जेल से बाहर आने पर आनंद गिरि सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
आनन्द गिरि की जमानत अर्जी निरस्त होने के बाद अभी जेल में ही रहना होगा. अब आनंद गिरि को जेल से बाहर आने के लिए हाईकोर्ट में दूसरी जमानत अर्जी दाखिल करनी होगी या फिर सुप्रीम कोर्ट जाना होगा. आनंद गिरि के अधिवक्ता इमरान उल्लाह ने कहा है कि अब पूरी तैयारी के साथ सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करेंगे.
गौरतलब है कि आनंद गिरि 22 सितंबर 2021 से जेल में बंद हैं. उन्हें 18 अगस्त 2022 को नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल शिफ्ट किया गया है. महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट के आधार पर आनंद गिरि की गिरफ्तारी हुई थी. उनके खिलाफ जार्ज टाउन थाने में नामजद एफ आई आर दर्ज कराई गई थी. महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में पिछले साल 20 सितंबर को फंदे पर लटका हुआ पाया गया था. घटना के कुछ देर बाद ही हरिद्वार से आनंद गिरि की गिरफ्तारी की गई थी. आनंद गिरि पर अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल करते हुए उन्हें खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है.
इस मामले की जांच देश की सबसे बड़ी एजेंसी सीबीआई ने की थी. सीबीआई ने इस मामले में आनंद गिरि समेत 3 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आनंद गिरि ने पिछले साल दिसंबर महीने में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. उन्होंने खुद को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिए जाने की अपील की थी. सीबीआई और यूपी सरकार ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी का विरोध किया था. वहीं आनंद गिरि की तरफ से यह दलील दी गई कि उनके खिलाफ सीबीआई को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. सिर्फ शक के आधार पर नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में उनका नाम लिखा था.
वह घटना के पिछले 6 महीने से प्रयागराज कभी आए ही नहीं थे. फोन और सोशल मीडिया के जरिए भी उनका अपने गुरु से कोई संपर्क नहीं होता था. ऐसे में उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. एफआईआर कराने वाले महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य स्वामी अमर गिरि व पवन महाराज ने इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह कहा था कि उन्होंने पुलिस को सिर्फ मौखिक सूचना दी थी. लिखित तौर पर किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की थी. पुलिस ने अपनी तरफ से उनके नाम एफ आई आर दर्ज की है और वह अपनी FIR को वापस लेना चाहते हैं. 10 सितंबर को ही महंत नरेंद्र गिरि की पहली बरसी भी है. प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में एक बड़ा कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है, लेकिन जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आनन्द गिरी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच सकेंगे.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Allahabad high court, Anand Giri, Mahant Narendra Giri DeathFIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 16:38 IST



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