विशाल भटनागर/मेरठ: पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ से 45 किलोमीटर दूर हस्तिनापुर आज भी अपने अंदर महाभारत कालीन विभिन्न ऐतिहासिक तथ्यों को समेटे हुए हैं. जिसको खोजने के लिए समय-समय पर पुरातत्व विभाग की टीम कार्य करती रहती है. वहीं विभिन्न ऐसे मंदिर हैं, जिनके बारे में महाभारत कालीन मान्यताएं जुड़ी है. कुछ इसी तरह का उल्लेख हस्तिनापुर के द्रौपदी घाट पर बने द्रौपदी मंदिर में देखने को मिलता है. जिसमें एक मूर्ति चीरहरण की दास्तां को दर्शाती है.पौराणिक ऐतिहासिक तथ्यों में जानने को मिलता है कि किस तरीके से दुशासन द्वारा माता द्रोपदी का चीर हरण किया गया था. जिस समय भरी सभा में चीरहरण हो रहा था. तब माता द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण को लाज बचाने के लिए पुकारा था. जिसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने अपनी भक्त की लाज बचाने के लिए ऐसी अनोखी लीला रची, जिसे देखकर सभा में हर कोई आश्चर्यचकित था. जिस तरह दुशासन द्वारा माता का चीरहरण किया जा रहा था. भगवान श्री कृष्ण निरंतर उस चीर को बढ़ाते जा रहे थे. ये मूर्ति उसी पूरे महाभारत कालीन की घटना को के तथ्य को दर्शाती है.पत्थर पर तराशी गई है मूर्तिमंदिर की महंत बेगवती ने बताया कि उनकी चार पीढ़ी निरंतर इसी तरीके से द्रोपदी मंदिर में पूजा पाठ कार्य करती आ रही है. वह कहती हैं कि उनके पूर्वज बताते थे कि यह जो मूर्ति मंदिर में स्थापित है कहीं से लाई नहीं गई है बल्कि यहीं पत्थर पर तराशी गई है.वैशाख माह में लगता है मेलाद्रौपदी मंदिर से लोगों का खास लगाव देखने को मिलता है. बड़ी संख्या में लोग रोज जंगल को पार कर द्रौपदी मंदिर में दर्शन करने आते हैं. वहीं वैशाख माह में यहां मेले का आयोजन होता है. मान्यता है कि यहां मांगी गई सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. द्रौपदी मंदिर के समीप एक पेड़ भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि घाट पर स्नान के बाद इसी पेड़ के नीचे बैठकर द्रौपदी श्रीकृष्ण की आराधना करती थी. हस्तिनापुर के विभिन्न पहलुओं पर रिसर्च कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसर प्रियंक भारतीय बताते हैं कि पूरे विश्व में एकमात्र ही ऐसी मूर्ति है जो इतिहास को जीवित करती है..FIRST PUBLISHED : July 22, 2023, 10:30 IST
Source link
NIA files chargesheet, names seven accused including LeT, TRF
The National Investigation Agency (NIA) probing the April 22 Pahalgam terror attack case on Monday filed a chargesheet…

