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Memory boosting remedies These five remedies are effective in increasing memory know great benefits brmp | Memory boosting remedies: ये 5 उपाय याददाश्त बढ़ाने में हैं कारगर, क्या आप जानते हैं इनके जबरदस्त लाभ?



Memory boosting remedies: कभी-कभी चीजों को भूल जाना या कोई बात याद ना आ पाना आम बात है, लेकिन जब भूलना आपकी आदत बनने लग जाए, तो समझ लें कि आपकी याददाश्त कमजोर हो रही है. इसके पीछे कई कारण (Reason) हो सकते हैं, जैसे पोषण (Nutrition) की कमी या फिर कोई चोट या बीमारी. ऐसे में यहां हम आपको  याददाश्त बढ़ाने के कुछ घरेलू तरीके बता रहे हैं, जिनको अपनाकर आप इस दिक्कत से निजात पा सकते हैं. 
याददाश्त बढ़ाने वाले पांच उपाय (Five ways to increase memory)
1. ब्राह्मीदेश के मशहूर आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, ब्राह्मी को आयुर्वेद की ऐसी जड़ी-बूटी माना जाता है, जो मस्तिष्क संबंधी 97 तरह के विकारों का इलाज करती है. ब्राह्मी का सेवन याददाश्त को बढ़ाने और बौद्धिक क्षमता में सुधार लाने के लिए जानी जाती है. ब्राह्मी में बैकोसाइड और सिटग्मास्टेरोल जैसे कई बायोएक्टिव तत्व होते हैं, जो मस्तिष्क के कार्य करने की क्षमता में सुधार लाने में मदद करते हैं.
2. सेबयाददाश्त बढ़ाने में सेब भी आपकी मदद कर सकता है. इसमें क्यूरसेटिन नाम का एंटी-ऑक्सीडेंट होता है. ये मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाता है. ये पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में भी मदद करता है.
3. फिश ऑयल सप्लीमेंटमछली का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड, इकोसपेंटेनोइक एसिड और डोकोसेहैक्सेनोइक एसिड से भरपूर होता है. ये फैट, तनाव और एंग्जायटी को कम करने और याददाश्त बढ़ाने का काम करते हैं. अगर आपकी याददाश्त कमजोर है, तो मछली का सेवन फायदेमंद हो सकता है.
4. जिनसेंग का सेवनडॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, जिनसेंग को भी याददाश्त और बौद्धिक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी बूटी के तौर पर जाना जाता है. इसमें जिनसेनोसाइड नाम का एक्टिव तत्व होता है, जो नूट्रोपिक प्रभाव को बढ़ाने का काम करता है. ये मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संकेत भेजने में मदद करता है. जिसकी वजह से हमें कई चीजों को याद रखने में मदद मिलती है.
5. शंखपुष्पी का सेवनशंखपुष्पी भी याददाश्त मजबूत करने में लाभकारी मानी गई है. इस जड़ी बूटी में कई एंटीऑक्सीडेंट कंपाउड होते हैं, जिसकी वजह से याददाश्त कमजोर होने की दिक्कत कम होती है. इसका इस्तेमाल तनाव, अनिद्रा और एंग्जायटी के इलाज में किया जाता है. ये मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संबंध को बढ़ाती है, जिससे मस्तिष्क के कार्य में सुधार आता है.
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.



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