विशाल भटनागर/मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में बनने वाले बल्ले की धमक आईपीएल मैच 2024 में भी देखने को मिल रही है. जिसमें भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ी भी मेरठ में बने बल्ले के माध्यम से धमाल करते हुए नजर आ रहे हैं. जी हां, यह कहना है मेरठ के स्पोर्ट्स कारोबारी का है. मेरठ सूरजकुंड स्पोर्ट्स कारोबारी दीपक तलवार बताते हैं कि आईपीएल सीजन शुरू होने से पहले भारतीय व विदेशी खिलाड़ी अपनी पसंद के अनुसार यहीं पर ही बल्ले तैयार कराते हैं.

मेरठ स्पोर्ट्स व्यापारी ओमकार त्यागी बताते हैं कि भले ही नई-नई टेक्नोलॉजी के सहारे अब बल्ले तैयार होने लगे हो. लेकिन आज भी मेरठ में जो बल्ले के लिए अंतिम फिनिशिंग कार्य हाथ से किया जाता है. क्योंकि मशीन के माध्यम से बल्ले में बेहतर फिनिशिंग देखने को नहीं मिलती. ऐसे में कारीगर हाथ से ही बल्ले की फिनिशिंग करते हुए दिखाई देते हैं. जिससे बल्ले की क्वालिटी में भी सुधार देखने को मिलता है. यही नहीं वह बताते की बड़े-बड़े स्टार खिलाड़ी मेरठ की स्पोर्ट्स कंपनी में आकर खुद अपने हिसाब से बल्ले की फिनिशिंग के लिए भी कारीगर को आर्डर देते हुए दिखाई देते हैं.

हजार करोड़ का रहता है टर्नओवरविश्व के जिन देशों में भी क्रिकेट को प्राथमिकता दी जाती है. वहां के लोग मेरठ के बने बल्ले को खास पसंद करते हैं. क्योंकि आज भी मेरठ में क्वालिटी पर विशेष फोकस किया जाता है. इसलिए मेरठ में जहां आपको एसएस, बीडीएम,एसजी सहित सहित नामचीन कंपनियां देखने को मिलेगी. वहीं वन जिला वन प्रोडक्ट के तहत हजारों की संख्या में लोगों ने स्पोर्ट्स के छोटे-छोटे उद्योग भी शुरू किए हैं. जिनके बल्ले भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी बड़ी मात्रा में सप्लाई होते है. स्कापोर्ट्स कारोबारी ओमकार त्यागी के अनुसार मेरठ में बल्ले का टर्नओवर सालाना 1000 करोड रुपए से ज्यादा रहता है.

इन खिलाड़ियों को पसंद आते हैं मेरठ के बल्लेस्पोर्ट्स कारोबारी दीपक तलवार बताते हैं कि भारतीय क्रिकेटरों के अगर बात की जाए तो महेंद्र सिंह धोनी, विराट, कोहली, युवराज सिंह, रोहित शर्मा, सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा, आर अश्विन, भुवनेश्वर कुमार, रवीन्द्र जडेजा, रिंकू सिंह,श्रेयश अय्यर सहित सभी भारतीय खिलाड़ी मेरठ के बने बल्ले से खेलना पसंद करते हैं. साथ‌ ही विदेशी खिलाड़ियों की अगर बात की जाए तो रिकी पोंटिंग सहित 90% तक विदेशी खिलाड़ियों को भी मेरठ के बने बल्ले ही पसंद आते हैं. उन्होंने बताया कि इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका सहित विभिन्न देशों में मेरठ के बने बल्ले की सप्लाई की जाती है.

ऐसे शुरू हुई थी मेरठ में बल्ले बनाने की शुरुआतबताते चलें कि मेरठ में स्पोर्ट्स कारोबार की शुरुआत में सबसे अहम योगदान 1947 में भारत पाकिस्तान बंटवारे के दौरान सियालकोट से आए रिफ्यूजी की माना जाता है. शुरुआती दौर में मैच 4 से 5 लोगों द्वारा ही स्पोर्ट्स के समान बनाने की शुरुआत की गई थी. आज लगभग हजारों की संख्या में इकाईयां इस कारोबार से जुड़ी हुई हैं. जिनमें रोजाना 40000 बेट बनाकर मेरठ में तैयार होते हैं.
.Tags: Local18, Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : March 26, 2024, 22:23 IST



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