Uttar Pradesh

MEERUT: समाजसेवा ही है दिव्यांग आयुष की पहचान, अब यूपी सरकार 3 दिसंबर को देने जा रही यह पुरस्कार



मेरठ. समाजसेवा करने के प्रति अगर आप में लगन हो तो आपकी राह में कितनी भी कठिनाइयां क्यों न आएं, आप सभी बाधाओं को पार करते हुए एक नया कीर्तिमान हासिल कर सकते हैं. दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि मेरठ के दिव्यांग आयुष गोयल ने कुछ इसी तरह का कीर्तिमान हासिल किया है. सेरेबल पाल्सी नामक बीमारी से पीड़ित होने के बाद भी आयुष का समाजसेवा का जुनून एक नई ख्याति दिलाने जा रहा है. बता दें कि आयुष को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 3 दिसंबर को ‘राज्य प्रेरणास्रोत सम्मान’ से नवाजा जाएगा.दरअसल, मेरठ के तत्कालीन मंडलायुक्त आलोक सिन्हा ने आयुष और पीयूष दोनों जुड़वा भाइयों के हौसलों की उड़ान देते हुए समाजसेवा करने के लिए प्रेरित किया. उसके बाद आलोक सिन्हा के मार्गदर्शन में युवाओं ने अपना एक क्लब बनाया. इसके माध्यम से गरीबों की मदद करने की मुहिम चलाई. आयुष के इसी सेवाभाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने तय किया कि आयुष को उत्तर प्रदेश राज्य प्रेरणास्रोत सम्मान से सम्मानित किया जाए.
NEWS 18 LOCAL से बातचीत में आयुष गोयल कहते हैं कि जीवन में चाहे कितनी परेशानी क्यों न हो. अगर हम अपने लक्ष्य को निर्धारित कर आगे बढ़ते हैं, तो हम कठिन से कठिन डगर को पार कर लेते हैं. साथ ही आयुष का कहना है कि पीएम मोदी ने जब विकलांगों को दिव्यांगों का नाम दिया था. वह काफी सोच समझ कर दिया था. क्योंकि प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति में एक दिव्य शक्ति होती है. जो उसे पहचान ले वह कभी ठोकर नहीं खाता.
आयुष बताते हैं कि बड़ा होने पर हमारे माता-पिता ने जब दोनों भाइयों के एडमिशन के लिए स्कूल फॉर्म भरा तो स्कूल वालों ने एडमिशन करने मना कर दिया. तब जाकर माता-पिता ने एक छोटे से स्कूल में उनका एडमिशन कराया. साथ ही बताया कि कक्षाओं में बच्चे उनका काफी मजाक बनाते थे. उसके बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई पर निरंतर ध्यान दिया. जब इंटर में आयुष 75.8 प्रतिशत नंबरों से पास हुए तब तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था. इतना ही नहीं अपने हौसलों की उड़ान की बदौलत आज दोनों भाई बीएड कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मिल रहे सम्मान को लेकर परिवार ने काफी खुशी जाहिर की है. परिजनों ने उत्तर प्रदेश सरकार का आभार जताया और कहा कि जब इस तरीके से युवाओं का सम्मान होता है तो अन्य युवाओं को भी समाज में सेवा करने की प्रेरणा मिलती है. परिजनों ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि एम्स दिल्ली में इलाज के दौरान जब दोनों भाई 3 साल के थे तो पता चला कि दोनों भाई सेरेब्रल पाल्सी नामक असाध्य रोग से ग्रसित हैं. इस कारण उठने, बैठने, चलने, पेंसिल पकड़ने में दिक्कत होती थी. लेकिन सबने भरपूर सहयोग किया और नतीजा आज सबके सामने है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 02, 2022, 19:34 IST



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