Vridhadaru Benefits: विधारा एक औषधीय बेलनुमा पौधा है, जिसके अंदर कई गुण छिपे होते हैं. बढ़ती उम्र में इसके रोजाना सेवन करने से कई फायदे मिल सकते हैं. विधारा के फूल, पत्तियां, जड़ें और बीज कई बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल किए जाते हैं. आयुर्वेद में इसके कई लाभ बताए गए हैं.
विधारा पौधे के फायदेविधारा पौधे को वृद्धदारु इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि यह बुढ़ापे में फिजिकल कमजोरी और थकान को दूर करने में मददगार होता है. रोजाना इसे खाने से नसों और मसल्स को शक्ति मिलती है, जिससे बुढ़ापे में नई ताजगी का अनुभव होता है. विधारा के फायदे सबसे ज्यादा यौन कमजोरी को ठीक करने के लिए किया जाता है. रोजाना खाने से वीनस मेटल (प्रजनन तत्व) को पोषण मिलता है और यौन शक्ति बढ़ती है. यह महिलाओं और पुरुष दोनों की यौन कमजोरी को दूर करता है.
मजबूत डाइजेशन सिस्टमविधारा का सेवन डाइजेशन सिस्टम को मजबूत बनाता है. विधारा की जड़ और पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के घाव को ठीक करने में मददगार साबित होते हैं. इस पौधे की पत्तियों का लेप बनाकर घाव पर लगाया जाए तो काफी आराम मिलता है. इसके इस्तेमाल से चेहरे के मुंहासे और दाग-धब्बे को दूर किया जा सकता है और चेहरा चमक उठता है. विधारा की पत्तियों का सेवन रोजाना किया जाए तो इम्यूनिटी भी बढ़ती है और व्यक्ति नई ताजगी के साथ नए जोश और उमंग के साथ बढ़ता है.
गठिया और जोड़ों के दर्द से राहतइसके साथ ही, इसके रोजाना इस्तेमाल करने से गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है. गठिया और जोड़ों के दर्द में विधारा की पत्तियों का लेप बनाकर लगाया जाए तो काफी आराम मिलता है. विधारा (पौधे) के जड़ के चूर्ण का इस्तेमाल दूध या पानी में आवश्यकता के अनुसार दिन में एक से दो बार किया जा सकता है. इसका काढ़ा बनाकर भी सेवन किया जा सकता है. हालांकि, ज्यादा मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए. सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना भी काफी जरूरी है.–आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.