Uttar Pradesh

Mayawati and priyanka gandhi statement on yogi government upns – UP: योगी सरकार के साढे 4 साल पूरे होने पर मायावती और प्रियंका गांधी ने साधा निशाना, बोलीं



लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गरीबों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के योगी सरकार (Yogi Government) ने राशन वितरण की व्यवस्था में काफी सुधार किए हैं. दूसरी तरफ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) योजना के तहत नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया को तेज किया है. बीते 6 माह में 1,61,256 लोगों के नए राशनकार्ड बनाए गए हैं. इसके साथ ही यूपी में अब एनएफएसए राशनकार्ड धारकों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 60 लाख 12,758 (3,60,12,758) हो गई है. इनमें से अधिकतर को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है. यह अपने आप में नया रिकार्ड है, क्योंकि सूबे के 99.79 फीसद राशन कार्ड अब आधार कार्ड से जुड़ गए हैं.
इतनी बड़ी संख्या में किसी अन्य राज्य में अभी राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ा नहीं जा सका है. यूपी अब देश का पहला ऐसा राज्य हो गया है, जिसके 99.79 राशन कार्ड अब आधार कार्ड से लिंक हैं.
सरकार का मानना है कि राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ने के चलते अब राशन वितरण में होने वाली धांधली पर पूरी तरह रोक लग गई है. इसके साथ ही इ-पास (प्वाइंट आफ सेल) मशीन के उपयोग से राशन वितरण में अब कोटेदार की धांधली पर अंकुश लगाया गया है. हर राशन कार्ड धारक को राशन मिल रहा है. अब उन लोगों को भी राशन देने की व्यवस्था कर ली गई है, जिनके अंगूठे का निशान का मिलान नहीं हो पा रहा था. ऐसे राशन कार्ड धारकों को मोबाइल ओटीपी के आधार पर राशन मुहैया कराया जाएगा.
अन्य राज्यों से यूपी में रोजगार करने आये लोग भी इस योजना के तहत राशन की दुकानों से राशन पा रहे हैं. उक्त व्यवस्था की चलते ही इस वर्ष कोरोना संकट में सरकार ने 15 करोड़ लोगों को जुलाई और अगस्त में फ्री राशन उपलब्ध कराया गया. सरकारी राशन दुकानों से हर कार्ड धारक को 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल वितरित किया गया.
कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार ने पात्र कार्ड धारकों को 8 महीने तक मुफ्त राशन वितरण किया था. तब 5 किलो खाद्यान्न प्रति यूनिट की दर से राज्य सरकार ने सरकारी दुकानों से अप्रैल से नवंबर तक 60 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का मुफ्त वितरण किया था, जो कि देश में एक रिकॉर्ड है.
इस बार भी कार्ड धारकों को फ्री राशन
खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गरीब और जरूरतमंदों को राशन मुहैया कराने को लेकर सूबे की सरकार बेहद संवेदनशील है. जिसके चलते ही प्रदेश सरकार ने सबसे पहले मई 2020 में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू किया गया था. अब प्रदेश के सभी नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में अन्त: जनपदीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू है.
वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के तहत प्रदेश में नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा के चलते प्रदेश के 87,239 कार्डधारकों द्वारा अन्य राज्यों से और अन्य राज्यों के 8110 कार्डधारकों द्वारा उत्तर प्रदेश में राशन लिया गया है. इस योजना को लागू करने के चलते यूपी से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र में कार्य करने गए श्रमिक वहां राशन की दुकानों से राशन ले रहे हैं.
यूपी से दिल्ली गए 27,585, हरियाणा गए 20,964 और महाराष्ट्र गए 11,587 लोगों ने राशन लिया है. यही नहीं अब गलत तरीके से राशन कार्ड बनवाने वाले लोगों के राशन कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई भी की जा रही हैं, ताकि जरूरतमंदों को ही फ्री और सस्ता राशन मिले. अपर मुख्य सचिव का कहना है कि यूपी में जरूरतमंद को राशन बांटने की व्यवस्था आसान की गई है. इसमें होने वाली धांधली को रोकने की व्यवस्था की गई है.



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