बलिया: नए डीएम ने जब से जिले की जिम्मेदारी सम्भाली है, तब से लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन मोड में है. एक ही कुर्सी पर कई सालों से जमे कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त तेवर दिखाने वाले डीएम मंगला प्रसाद अपने प्रशासनिक तेवर से ये साफ कर दिए है कि सरकार के मंशा पर खरे नहीं उतरने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को बख्शा नही जाएगा.ताजा मामला जिला पंचायत भवनों के निर्माण से जुड़ा है. सरकार के महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल जिला पंचायत भवन गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सरकार हर गांव में जिला पंचायत भवन का निर्माण करा रही है, जिसके लिए करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत है.
जिला पंचायत भवन गांव के संसद के रूप में स्थापित करना सरकार का उद्देश्य है. वहीं बलिया में अधिकारियों की इस योजना के प्रति उदासीनता और लापरवाही ने जिले के लगभग 25 ग्राम पंचायतों को अभी भी इस योजना से वंचित रखा है. डीएम मंगला प्रसाद ने उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है. अब वेतन कब मिलेगा? साथ ही 10 दिनों का समय मिला है. डीएम के रडार पर एसडीएम, तहसीलदार, लेखपाल, सचिव समेत कई अधिकारी और कर्मचारी है.
बैठक में कुछ यूं शुरू हुई कहानी…
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन के निर्माण के गति की समीक्षा के लिए एक बैठक रखी. फिर क्या जिला पंचायतराज अधिकारी ने कह दिया कि 25 ग्राम पंचायतों पर भूमि उपलब्ध न होने के कारण पंचायत भवन का निर्माण कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुआ है. अब तो डीएम साहब का पारा हाई हो गया, कि आखिर अब यह क्या हो रहा था.
SDM के अलावा कई अधिकारियों का रुका वेतन… 10 दिन का मिला मौकाजिलाधिकारी ने इन 25 ग्राम पंचायतों की अच्छे से जानकारी ली. पता चला कि भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ठीक ढंग से प्रयास ही नहीं किया गया है. डीएम ने तुरंत इन 25 ग्राम पंचायतों के सचिव, लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार, SDM सदर, SDM बांसडीह, SDM बैरिया, तहसीलदार सदर, तहसीलदार बांसडीह, तहसीलदार बैरिया और संबंधित सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), खण्ड विकास अधिकारी दुबहर, रेवती, बांसडीह, सोहाव, बैरिया, हनुमानगंज, गड़वार, बेरूआरवारी और खण्ड विकास अधिकारी मुरलीछपरा का वेतन रोकने के निर्देश देते हुए कहा कि वेतन तब तक नहीं मिलेगा, जब तक भूमि चिन्हित नहीं कर ली जाती है. डीएम ने 10 जुलाई तक पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरू कराने का सख्त आदेश दिया है.