Uttar Pradesh

MATHURA: यमुनापार तपस्या की मुद्रा में महालक्ष्मी जी, जानें क्यों राधा रानी ने तोड़ा था घमण्ड?



चंदन सैनी/मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन के कण-कण में श्रीकृष्ण जी का वास है. पग-पग पर राधा-कृष्ण से जुड़े किस्से सुनने और देखने को मिलते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि, यमुनापार क्षेत्र स्थित गांव वेलवन में माता महालक्ष्मी जी का एक मंदिर है. जिसकी मान्यता राधा-और माता लक्ष्मी जी की नोक-झोंक से जुड़ा हुआ है.
दरअसल मथुरा के यमुनापार क्षेत्र स्थित गांव वेलवन को लेकर एक मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण की प्राण प्यारी राधा ने महालक्ष्मी का गुमान यहीं तोड़ा था. बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण महारास रचा रहे थे. तो उसको देखने के लिए सभी देवी देवता आए थे. वहीं महालक्ष्मी जी ने भी इस महारास को देखने की इच्छा जताई और वह अपने स्थान से महारास देखने के लिए वृंदावन आ रही थीं. तभी भगवान श्रीकृष्ण की प्राण प्यारी राधा जी ने महालक्ष्मी जी को रास में आने से मना कर दिया.
माता लक्ष्मी ने की थी यहां तपस्यामंदिर के पुजारी का कहना है कि, राधा रानी के माता लक्ष्मी के मना करते हुए कहा था कि, आपको अपने ऊपर गुमान है कि, आपके पास यश, वैभव और ऐश्वर्य है. ऐसे में पहले इसका त्याग करो और भगवान श्रीकृष्ण की साधना में लीन हो जाओ. तभी आपको इस महारास में प्रवेश दिया जाएगा. राधा रानी के मना करने के बाद महालक्ष्मी जी यमुना पार स्थित वेलवन गांव में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा तपस्या करने लगीं. भगवान श्री कृष्ण जब इस घटना का पता चला, तो उन्होंने सोचा की अकेली महालक्ष्मी जी जंगल में किसके सहारे रहेंगी. तो वह उनके पास बाल रूप में आए और उनसे कहा कि, मां मैं भूखा हूं. मुझे खाने के लिए कुछ दे दो. यह सब देख कर महालक्ष्मी बोलीं नारायण तुम मेरी परीक्षा ले रहे हो. मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है. यह थोड़े से चावल हैं. इनकी खिचड़ी बनाकर भोग लगाकर इन्हें खा लो.तब भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार भोग लगाया था, तभी से हर गुरुवार को यहां खिचड़ी का भोग लगाया जाता है.
हर साल पूस माह में लगता है मेलामंदिर के पुजारी बताते हैं कि, पूस माह में हर गुरुवार को यहां भव्य रूप में मेले का आयोजन होता है. मेले के समय पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इतना ही नहीं मंदिर में दर्शन के लिए देश-विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं और स्थानीय लोगों के द्वारा बड़े-बड़े भंडारों में प्रसाद ग्रहण करते हैं. वहीं पुजारी का कहना है कि, श्रीमद् श्रीमद् भागवत के दसवें स्तंभ में इसका लेख देखने को मिलता है.मंदिर को लेकर एक मान्यता ये भी है कि, यहां आने वाला सच्चे मन से महालक्ष्मी जी के दर्शन कर लेता है. वह कभी मंदिर से निराश होकर नहीं लौटता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Mathura news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : September 24, 2022, 15:50 IST



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