Uttar Pradesh

MATHURA: जानिए क्या है वृन्दावन के निधिवन का ‘महा रहस्य’, जहां आज भी श्रीकृष्ण रचाते हैं रास



हाइलाइट्सभगवान श्रीकृष्ण रात्रि के समय आकर महारास करते हैंइस महारास को अभी तक किसी ने नहीं देखा हैरिपोर्ट: चंदन सैनी मथुरा. यूपी की धार्मिक नगरी मथुरा के वृन्दावन का निधिवन एक अत्यन्त पवित्र, रहस्यमयी धार्मिक स्थान है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ निधिवन में महारास किया था. एक मान्यता यह भी है कि उसके बाद से निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी अर्द्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं. महारास का वर्णन कई वेदों और पुराणों में भी मिलता है. इसका प्रमाण यह भी माना जाता है कि निधिवन में बने भगवान के रंगमहल में श्रीराधा जी के श्रृंगार के लिए रात में रखी गईं श्रृंगार की वस्तुएं सुबह तक तितर-बितर मिलती हैं. रंग महल खोलने पर देखते हैं तो ऐसा लगता है कि किसी ने श्रृंगार के सामान का इस्तेमाल किया है. शयन के लिए लगाया गया बिस्तर देखने पर लगता है कि कोई आराम करके गया है. पीने के लिए रखा हुआ पानी लोटे में कम या बिलकुल नहीं मिलता. रंगमहल वहीं स्थान है जहा भगवान महारास के बाद अपनी थकान मिटने के लिए श्रीराधा रानी के साथ आराम किया करते थे.
निधिवन के पेड़ हैं वृंदावन की गोपियांनिधिवन में जितने भी पेड़ हैं वे एक दुसरे से इस तरह लिपटे हुए हैं, मानो की कोई एक दुसरे को अपनी बाहों में लिए हुए हो. कहा जाता है कि रात्रि में यही पेड़ कृष्ण और गोपिया का रूप धारण करते हैं. निधिवन में आज भी भगवान के जगह-जगह चरण चिन्ह देखने को मिलते हैं.
निधिवन में क्यों श्रीराधा जी ने बजाई बांसुरीनिधिवन विश्व का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां श्रीराधा जी को बांसुरी बजाते हुए दिखाया गया है. इसके पीछे कि मान्यता यह है कि श्रीराधा जी को भगवान की बांसुरी से जलन होने लगी थी. राधा रानी ने भगवान की बांसुरी को चुरा कर उनसे दूर करना चाह था. क्योंकि जब भगवान अपनी बांसुरी को बजाते थे तो सभी गोप-गोपियां और गाय उस स्थान पर आ जाती थीं. श्रीराधा जी की कामना होती थी कि वे भगवान श्रीकृष्ण के साथ अकेले में कुछ पल बिताएं. इसीलिए उन्होंने भगवान की बांसुरी को चुराकर ये देखना चाह कि यदि मैं भी इस बांसुरी को बजाऊं तो क्या गोप-गोपियां आते हैं या नहीं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो राधा जी ने स्वंय बांसुरी को भगवान से क्षमा मांगते हुए वापस कर दिया.
मोक्ष के लिए भक्त करने हैं निधिवन की सफाईभगवान श्रीकृष्ण रात्रि के समय आकर महारास करते हैं. निधिवन में आने वाले भक्तों द्वारा ही साफ-सफाई की जाती है. झाडू लगाते हैं. भक्तों का मानना है कि, जब रात्रि में भगवान यहां आकर महारास करें तो उनके पेरों में कहीं कांटे या कंकड़ न लग जाये. इसलिए हम इस वन की सफाई कर रहे हैं. भगवान की सेवा कर अपने जन्म को सफल बना रहे हैं. इस सेवा से खुश होकर भगवान हमें मोक्ष दे सकें.
जानिए क्या हैं महारास से जुड़ी मान्यताएंवैसे इस महारास को अभी तक किसी ने नहीं देखा है. कहा जाता है कि यदि किसी ने महारास को देखने की कोशिश की, तो वह इस काबिल नहीं रहेगा कि, किसी को इसके बारे में बता सके. इस महारास को देखने वाला या तो पागल हो जाता है या फिर इस महारास को देखने कि कीमत अपनी जान देकर चुकाता है. यही कारण है कि इस वन के आस-पास बने मकानों की खिड़कियां महारास देखने के लिए बनायीं गयी थीं, लेकिन इसके परिणाम भयानक होने के कारण उन खिडकियों को बंद करा दिया. इस महारास को देखने की हिम्मत इन्सान तो दूर, यहां रहने वाले पशु-पक्षी भी नहीं करते हैं. यहां रहने वाले बंदर भी रात्रि में यहां से निकल जाते हैं.
आज भी मौजूद है महारास के साक्ष्यभले ही भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर में यहां महारास किया हो, लेकिन भक्तों का मानना है कि आज भी यहां आकर भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ महारास करते हैं. यही कारण है कि देश-विदेश से भक्त यहां आकर भगवान की लीलाओं का आनंद लेते हैं. भगवान की भक्ति में झूमकर नाचते गाते हैं. निधिवन राज के अंदर भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा जी के महारास के साक्ष्य आ भी मौजूद हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Mathura news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : July 31, 2022, 11:43 IST



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