शहर में मानसून के दस्तक देते ही, वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट अलर्ट पर आ चुकी है, क्योंकि बिलों और गड्ढों में पानी भरने के साथ ही विभिन्न सरीसृप प्रजातियां शहर में आश्रय लेने के लिए जंगल से बाहर निकलती हैं. वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने पिछले तीन दिनों में 24 सरीसृपों का रेस्क्यू किया है, जिसमें दो वुल्फ स्नेक शामिल हैं. जिन्होंने मथुरा के शहजादपुर में एक जूते के अंदर पानी से बचने के लिए शरण ली थी.
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Over 100 Gujarati youths trapped in Myanmar, forced to involve in cybercrimes
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