मैनचेस्टर में हुए हिंसक हमले का मुख्य आरोपी जिहाद अल-शामी है, जो 35 वर्ष का ब्रिटिश नागरिक सीरियाई मूल का है। पुलिस ने बताया कि अल-शामी ने हमले के बाद आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का समर्थन किया था।
पुलिस ने बताया कि अल-शामी ने 999 नंबर पर कॉल करके हमले की जिम्मेदारी ली थी और इस्लामिक स्टेट का समर्थन किया था। पुलिस अधिकारी रोब पॉट्स ने कहा, “हमारे पास अपने सिस्टम का आकलन किया गया है, और मैं फिर से कहना चाहता हूं कि अल-शामी को प्रिवेंट प्रोग्राम में भेजा नहीं गया था, न ही वह काउंटर टेररिज्म पुलिसिंग के दायरे में थे।”
पुलिस ने बताया कि अल-शामी को रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, और उस समय वह जमानत पर था। पुलिस अधिकारी लॉरेंस टेलर ने कहा, “अल-शामी को काउंटर टेररिज्म टीम के दायरे में नहीं था, लेकिन वह जमानत पर था और रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।”
पुलिस ने बताया कि अल-शामी ने हमले के दौरान एक विस्फोटक उपकरण पहना था, लेकिन यह एक “होअक डिवाइस” था और यह “नॉन-वायलेबल” था। दो श्रद्धालु, एड्रियन डॉल्बी, 53 वर्ष और मेल्विन क्रेविट्ज़, 66 वर्ष की मृत्यु हो गई थी। हमला योम किप्पुर के दिन हुआ था, जो यहूदी धर्म का सबसे पवित्र दिन है।
पुलिस ने बताया कि दो श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई थी, जिनमें से एक को पुलिस ने गलती से गोली मार दी थी। पुलिस ने बताया कि एड्रियन डॉल्बी को पुलिस ने गलती से गोली मार दी थी।
पुलिस ने बताया कि तीन लोगों को हमले के दौरान घायल किया गया था, जिनमें से तीन अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने बताया कि उन्होंने तीन पुरुषों और तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जिन्हें आतंकवादी हमले के लिए आरोपित किया गया है।