Health

man suffered 100 mini strokes in a week saved by stenting | Mini Stroke: 1 हफ्ते में 100 बार मिनी स्ट्रोक, फिर कैसे बची जान? कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती



Mini Stroke Cure: जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय. ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला दिल्ली से सामने आया है. दरअसल, यहां के मैक्स हॉस्पिटल में एक ऐसा मरीज पहुंचा, जिसको हफ्तेभर में करीब 100 बार मिनी स्ट्रोक पड़ चुका था. लेकिन फिर सही इलाज और डॉक्टरों की सूझबूझ के चलते 65 साल के इस शख्स को बचा लिया गया. अब उसे स्ट्रोक की कोई शिकायत नहीं है. डॉक्टरों ने शख्स का ऑपरेशन किया और इंट्राक्रैनियल स्टेंटिंग की मदद से उसकी जान बचा ली. आइए जानते हैं कि शख्स को क्यों 100 बार मिनी स्ट्रोक पड़ा और फिर कैसे डॉक्टरों ने उसकी जान बचाई.
मिनी स्ट्रोक बार-बार क्यों पड़ा?टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्स हॉस्पिटल की डॉक्टर विनीता बंगा ने बताया कि स्मोकिंग की वजह से शख्स की नसें सिकुड़ गई थीं. नसें सिकुड़ने के कारण बाईं तरफ ब्लड सप्लाई ब्लॉक थी और राइट साइड में सिर्फ 90 प्रतिशत ही ब्लड सप्लाई हो रही थी. इसकी वजह से उसे कमजोरी हो रही थी लेकिन इसका कारण वह नहीं जानता था.
कैसे बढ़ी स्ट्रोक की इंटेंसिटी?
डॉक्टर विनीता ने बताया कि यूपी के हापुड़ के रहने वाले निवास जौहर को पिछले 6 महीने से बार-बार राइट हैंड और पैर में कमजोरी हो रही थी. इसके साथ ही उन्हें बोलने और समझने में भी परेशानी आ रही थी. शुरुआत में तो ऐसा हफ्ते में 1-2 बार ही होता था और यह करीब 5 मिनट तक चलता था. लेकिन धीरे-धीरे यह बढ़ गया और फिर यह दिन में कई-कई बार होने लगा. इस टाइमिंग भी 5 मिनट से बढ़कर 10-15 मिनट से ज्यादा हो गई थी.
कैसे बची मरीज की जान?
जान लें कि करीब 6 महीने तक अलग-अलग अस्पतालों की चक्कर काटने के बाद जब जौहर, मैक्स हॉस्पिटल पहुंचे, तो उन्हें एंजियोग्राफी कराने की सलाह दी गई. जांच में यह पाया गया कि उनके मस्तिष्क में लेफ्ट की तरफ ब्लड सप्लाई करने वाली नसें पूरी तरह से बंद हो गई थीं. इसके अलावा मस्तिष्क के राइट साइड में ब्लड सप्लाई करने वाली नसें सिकुड़ गई थीं. इसकी वजह से मस्तिष्क में खून और ऑक्सीजन की कमी हो रही थी और बार-बार स्ट्रोक आ रहे थे. डॉक्टरों ने बताया है कि मस्तिष्क में ब्लड सप्लाई को बहाल करने के लिए मरीज को इंट्राक्रैनियल स्टेंटिंग कराने की सलाह दी गई थी. ऑपरेशन के बाद अब जौहर ठीक हैं. उन्हें पहले की तरह बार-बार दिल का दौरा नहीं पड़ रहा है.
मिनी स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें?
डॉक्टर के मुताबिक, डायबिटीज, हाई बल्ड प्रेशर, स्मोकिंग, खराब लाइफस्टाइल और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे कई कारणों से मस्तिष्क को ब्लड सप्लाई करने वाली नसें सिकुड़ जाती हैं. आमतौर पर, लाइफस्टाइल में बदलाव करके और दवाइओं के साथ इसका इलाज किया जा सकता है. लेकिन कुछ मामलों में जब नसें ज्यादा सिकुड़ जाती हैं तो स्टेंटिंग कराने की सलाह दी जाती है.



Source link

You Missed

Himachal woman alleges BJP MLA Hansraj of harassment; he says she is ‘like my daughter’
Top StoriesNov 3, 2025

हिमाचल की महिला ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक हन्सराज ने उन्हें परेशान किया, वह कहता है कि वह ‘मेरी बेटी जैसी’ है

शिमला: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले से एक महिला ने भाजपा विधायक हंसराज पर उत्पीड़न और उनके परिवार…

Three killed, five injured as SUV collides with UP roadways bus in Chitrakoot
Top StoriesNov 3, 2025

तीन लोगों की मौत, पांच घायल हुए जब एसयूवी ने उत्तर प्रदेश रोडवेज बस को चित्रकूट में टक्कर मारी

चित्रकूट: यहां झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक दुर्घटना में दो छोटे भाइयों और उनके चचेरे भाई की मौत…

Scroll to Top