सितंबर में किसान ऊंचे स्थान पर मूली की फसल लगाकर कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं
सितंबर के महीने में वैसे तो हर जगह बारिश हो रही है, लेकिन अगर आपके पास ऊंचे स्थान पर जमीन है तो यह आपके लिए एक बेहतरीन मौका हो सकता है, क्योंकि आप सितंबर के महीने में मूली की फसल लगा सकते हैं। मूली की फसल को तैयार करने के लिए बेहद कम लागत लगाने की आवश्यकता होती है, और यह कम दिनों में तैयार हो जाती है। मूली की मांग लगातार बनी रहती है, जिसकी वजह से किसानों को अच्छा भाव भी मिलता है। मूली का इस्तेमाल कई अलग-अलग तरीकों से किया जाता है।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि मूली जिसका इस्तेमाल अचार बनाने के लिए, सलाद के तौर पर या सब्जी बनाने के लिए भी किया जाता है। वहीं मूली के पत्तों को किसान अलग से बेच कर भी कमाई कर सकते हैं। मूली के पत्तों का इस्तेमाल साग बनाने के लिए होता है। मूली की फसल लगाकर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। सितंबर का महीना किसानों के लिए एक सुनहरा मौका है। किसानों के पास अगर बेहतर जल निकासी वाला खेत है तो मूली की फसल लगा सकते हैं। मूली की फसल लगाने के लिए किसानों को उन्नत किस्म का चयन करना चाहिए। खेत की तैयारी अच्छी तरह से करनी चाहिए, खेत की तैयारी इस तरह से करें कि बारिश होने पर खेत में पानी ना रुके।
मूली की फसल की बुवाई करने से पहले खेत की गहरी जुताई करें। गहरी जुताई के बाद पाटा चला कर खेत को समतल कर लें, खेत की अंतिम जुताई के समय वर्मी कंपोस्ट या फिर गोबर की सही हुई खाद को मिट्टी में मिला दें। ऐसा करने से रासायनिक उर्वरकों पर किसानों की निर्भरता कम हो जाएगी। फसल तैयार करने में लागत में भी कमी आएगी। उसके बाद करीब 1 मीटर चौड़ा और 15 से 20 सेंटीमीटर ऊंचा बेड बनाएं। बेड पर मूली के बीज लगा दें। बेड पर मूली की फसल लगाने से बारिश होने पर फसल पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। मूली के बीज बुवाई करने से पहले कार्बेंडाजिम से उपचारित कर लें। एक हेक्टेयर मूली की फसल लगाने के लिए किसानों को 10 से 12 किलो बीज की आवश्यकता होगी।