इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की सैफई पुलिस ने एक फर्जी आईएएस अधिकारी समेत दो को गिरफ्तार कर लिया है. असल में 10 और 11 जुलाई की रात करीब ढाई बजे सैफई थाने की गश्ती पुलिस को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर आजमगढ़ के रहने वाले रामप्रवेश यादव परेशान हालत में मिले. जिन्होंने सैफई पुलिस को इस बात की जानकारी दी कि वह लखनऊ चारबाग से एक स्कॉर्पियो से फिरोजाबाद जा रहे थे, बीच रास्ते में अवैध हथियारों को दिखा करके उनके साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया गया है. उनका मोबाइल फोन एटीएम कार्ड और करीब साढ़े उनसे लूट लिए गए हैं.
रामप्रवेश यादव मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं और फिरोजाबाद में किसी कंपनी में कार्यरत है, जो राजधानी लखनऊ के चारबाग से ब्ला ब्ला एप के जरिए बुक की गई स्कॉर्पियों कार से फिरोजाबाद जा रहा था, लेकिन कार सवार लोगों ने उनको आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सैफई थाना क्षेत्र के अंतर्गत अवैध हथियार दिखा करके लूट लिया और घटनास्थल से फरार हो गए. पुलिस ने लूट के शिकार हुए रामप्रवेश यादव की कहानी सुनाने के बाद लुटेरों की तेजी से तलाश शुरू कर दी. विभिन्न सीसीटीवी कैमरे तलाशे गए जिसमें लुट की वारदात को अंजाम देने वाली कार कई जगह नजर आई.
पुलिस ने रामप्रवेश यादव की कहानी को सच मानते हुए सैफई थाने में लूट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. इसके बाद पुलिस ने गहन जांच पड़ताल शुरू की. पुलिस की पड़ताल इटावा से लेकर के लखनऊ तक की गई, इसके बाद कार सवार लुटेरों की पहचान की गई और फिर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू किए गए. लुटेरों की तलाश में जुटी पुलिस तब अचरज में पड़ गई जब इस मामले में शामली जिले में तैनात ऊन तहसील में तैनात एसडीएम अमर पांडे का फोन आना शुरू होता है.
जिसमें उनकी ओर से ऐसी जानकारी दी जाती है कि पुलिस ने जिस स्कॉर्पियो गाड़ी को पकड़ा है, वह उनकी गाड़ी है और उनका ड्राइवर इस गाड़ी को लेकर के गया था, इस गाड़ी को छोड़ने की उनकी ओर से सिफारिश की गई. लूट की वारदात में एसडीएम की एंट्री के बाद पुलिस अधिकारियों के हाथ पैर फूलना शुरू हो गए. इस बात की जानकारी बड़े पुलिस अफसर को भी दी गई. जिसके बाद से सिफारिशी एसडीएम को यह बताया गया कि आप सैफई थाने आ जाए गाड़ी छोड़ दी जाएगी.
इसके बाद एसडीएम अमर पांडे अपने एक अन्य साथी के साथ सैफई थाने पहुंचे पुलिस ने एसडीएम अमर पांडे से कई क्रम में सिलसिले बार ढंग से बातचीत की. जिसमें उनकी ओर से ऐसा बताया गया कि वह ट्रेनी आईएएस अधिकारी है, 2022 के बैच में 58 नंबर पर उनका सिलेक्शन हुआ है, लेकिन सैफई के सीओ राम गोपाल शर्मा ने जब ऑनलाइन जांच की तो यह बात सत्य नहीं पाई गई. इसके बाद अमर पांडे की ओर से ऐसा कहा गया की 2021 में चेक कर लीजिएगा फिर 2021 का भी डाटा चेक किया गया तो कहीं पर भी अमर पांडे का आईएएस कैडर सामने नहीं आया.
इन सब के बाद पुलिस ने शक्ति से पूछताछ शुरू की तो अमर पांडे और उसका साथी टूट गया और उसने अपनी असलियत खोलकर करके सामने रख दी. असल में लुट की वारदात में शामिल कार पर भारत सरकार के साथ साथ मजिस्ट्रेट भी लिखा कर रखा गया. गाड़ी के साथ अवैध दो तमंचा और कुछ दस्तावेज भी बरामद किए है.
क्या है पूरी कहानी?कहानी कुछ इस प्रकार से है कि एक स्कॉर्पियो गाड़ी जिस पर मजिस्ट्रेट की प्लेट लगी हुई है और भारत सरकार लिखा हुआ है, यह लखनऊ के चारबाग से चलती है और ब्ला ब्ला एप के माध्यम से एक यात्री को भी फिरोजाबाद के लिए बैठा लिया जाता है. उसके बाद यह गाड़ी जैसे ही सफाई थाने क्षेत्र के अंतर्गत आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पहुंचती है, तो वहां उस यात्री से तमंचा दिखाकर रुपए और मोबाइल छीन लिया जाते हैं और उसको धक्का मार कर उतार देते हैं.
खुद को बताया एसडीएमवह यात्री गश्त कर रही पुलिस को सूचना देता है. पुलिस उस गाड़ी का पीछा करती है और तो लुटेरे गाड़ी छोड़कर फरार हो जाते हैं. पुलिस गाड़ी बरामद कर लेती है बाद में पता चलता है कि उसे गाड़ी को वापस लेने के लिए एक युवक आता है जिसका नाम अमर पांडे है वह अपने आप को शामली के ऊन का एसडीएम बताता है और फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिखाता है. पुलिस को जब इस बात पर शक होता है तो लूट के शिकार यात्री से जब उनकी पहचान कराई जाती है तो यात्री लुटेरों को पहचान लेता है. सके बाद पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर लेती है.
पास से मिले अवैध तमंचेइनके पास से दो अवैध तमंचे, कारतूस और कुछ दस्तावेज बरामद कर इनके ऊपर धारा 309(4)/319(2)/336(3)/338,/340(2)/317(2) बीएनएस और धारा 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई करके जेल भेज देती है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इन्होंने ब्ला ब्ला एप के माध्यम से यात्री को लखनऊ के चारबाग से यात्री को बैठाया था, इसलिए लोगों से अपील है कि यात्रा के समय इसमें सावधानी बरतें, यह दोनों फर्जी तरीके से गाड़ी में मजिस्ट्रेट लिख कर और फर्जी एसडीएम का नियुक्ति पत्र बनाकर इस तरह की वारदात को अंजाम दिया है. यह गिरफ्तार अमर पांडे और इसका साथी रामाधीन बलरामपुर के रहने वाले हैं.
गाड़ी में लिखा था भारत सरकारउन्होंने बताया कि अमर पांडे नई दिल्ली में मुखर्जी नगर में सिविल सर्विस की कोचिंग भी करता था, लेकिन इस बात की पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं हो पा रही है, क्योंकि ऐसी कोई बात दस्तावेजी तौर पर सामने नहीं आई है. लेकिन अमर पांडे की ओर से जो बातें कही गई है उसे ऐसा प्रतीत होता है कि अमर पांडे ने अपने परिवार के सदस्यों को गुमराह करने के लिए अपने आप को आईएएस अधिकारी बता दिया. अपनी गाड़ी पर जिस तरह से अमर पांडे ने भारत सरकार और मजिस्ट्रेट लिखा हुआ है जिससे उसको हाईवे या फिर एक्सप्रेस वे पर गाड़ी को गुजरने में सुविधा मिल जाती है.
फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तारइटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक में फर्जी लिए सरकारी और उसके साथी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को 15,000 का इनाम दिया है. फर्जी आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार करने में सैफई पुलिस के अलावा इटावा के अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री चंद्र,सीओ सैफई रामगोपाल शर्मा के अलावा इटावा की सर्विलांस सेल से जुड़े हुए कर्मियों ने महत्वपूर्ण योगदान अदा किया है.