भारतीय स्वतंत्रता की मशाल लिए महात्मा गांधी हमेशा मजबूती से खड़े रहे. बुजुर्ग अवस्था में भी बापू काफी चुस्त और तंदरुस्त नजर आते थे. मगर क्या आप जानते हैं कि महात्मा गांधी ने किसी भी जानवर के दूध का सेवन करने से मना कर दिया था. मगर फिर एक कारण से उन्होंने एक जानवर का दूध पीने का मन बनाया. इस जानवर के दूध से सेहत को कई बेहतरीन फायदे प्राप्त होते हैं. जिनके बारे में हेल्थ एक्सपर्ट भी बताते हैं.
इस जानवर का दूध पीते थे महात्मा गांधी!कई जगह चल रही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांधी जी लंदन में वेजिटेरियन सोसायटी का हिस्सा बन चुके थे, जिसके बाद उन्होंने किसी भी जानवर का दूध पीने से मना कर दिया था. क्योंकि, उनका मानना था कि जानवरों से मिलने वाला दूध भी मांसाहार की श्रेणी में आता है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब बापू के स्वास्थ्य के लिए डॉक्टर्स ने उन्हें दूध का सेवन करने की सलाह दी, तो उन्होंने बकरी के दूध और बादाम के दूध का सेवन शुरू किया.
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बकरी के दूध से मिलने वाले फायदे – Benefits of Goat Milkआयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी के मुताबिक बकरी का दूध पीने से निम्नलिखित फायदे प्राप्त होते हैं. जैसे-
एक्सपर्ट के मुताबिक, बकरी के दूध में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कॉपर, जिंक, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी मौजूद होता है.
बकरी का दूध जल्दी पच जाता है, क्योंकि इसमें फैट के globules गाय के दूध के मुकाबले छोटे होते हैं.
बकरी के दूध में मिल्क शुगर या लैक्टोज काफी कम होती है, जिस कारण लैक्टोज इनटॉलरेंस से ग्रसित लोगों के लिए भी यह सही विकल्प है.
बकरी के दूध में ‘A2 Casein’ प्रोटीन होता है. जिस वजह से प्रोटीन के मामले में इसकी मानव के ब्रेस्ट मिल्क से तुलना की जाती है.
बकरी का दूध शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है.
बकरी के दूध में मौजूद triglycerides और फैटी एसिड त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करते हैं. इसके साथ ही इसमें मौजूद विटामिन-ए त्वचा की रंगत भी हल्की करता है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.
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