इलाहाबाद. पूर्वांचल के माफिया डान पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के अपराधियों को शस्त्र लाइसेंस दिलाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी को अपराधियों को शस्त्र लाइसेंस दिलाने के आरोप में चल रहे केस में एक माह में डिस्चार्ज अर्जी देने का आदेश दिया है. कोर्ट को उस अर्जी को दो माह में नियमानुसार तय करने का निर्देश दिया है. इस केस में अंसारी की जमानत पहले ही मंजूर हो चुकी है. यह आदेश जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने मुख्तार अंसारी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.याचिका पर मुख्तार अंसारी का कहना है कि वह सदर मऊ से 1996 से मार्च 22 तक विधायक रहा है. वर्ष 2001 में याची ने सह अभियुक्तों को शस्त्र लाइसेंस दिलाने की संस्तुति की. उन्हें लाइसेंस दिया गया. उनके द्वारा अपराध में लिप्त होने पर एस एच ओ दक्षिण टोला ने एफआईआर दर्ज कराई. जिसमें तत्कालीन एसएचओ व लेखपाल सहित चार आरोपियों को आरोपित किया गया. इन्होंने अपने बयान में याची के भी लिप्त होने का खुलासा किया है. पुलिस ने याची व कैलाश सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय का कहना था कि शस्त्र लाइसेंस जिलाधिकारी द्वारा दिया जाता है. यह सत्यापन के बाद दिया जाता है. इसमें याची की कोई भूमिका नहीं है. याचिका में चार्जशीट व पुनरीक्षण अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी.गौरतलब है कि बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी इन दिनों बांदा जेल में बंद है. मुख्तार अंसारी 2005 से ही जेल की सलाखों के पीछे हैं. उनके खिलाफ कई आपराधिक मामलों में एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट गाजीपुर से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट तक मुकदमे विचाराधीन है. इसके साथ साथ ही मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग के मामले में भी शिकंजा लगातार कसता जा रहा है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : June 09, 2022, 15:55 IST
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