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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इंदौर अस्पताल में नवजात शिशुओं के चूहे के काटने के बाद मृत्यु के मामलों पर स्वयं से कार्रवाई की

भोपाल: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इंदौर के एमवाई अस्पताल के न्यूनातम चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में हाल ही में दो नवजात शिशुओं की मौत के बाद कृमि के काटने से हुई घटना के संबंध में स्वयं से मामला दर्ज किया है। उच्च न्यायालय के इंदौर स्थित विभाजन बेंच ने बुधवार को राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के मुख्य सचिव, इंदौर के जिला आयुक्त, इंदौर के पुलिस आयुक्त और एमवाई अस्पताल के प्रमुख को नोटिस जारी किया है। उच्च न्यायालय के विभाजन बेंच ने अपने दो पेज के आदेश में उल्लेख किया है कि “दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर हमें यह जानकारी मिली है कि यह घटना इतनी हैरान करने वाली है कि इसको स्वयं से जनहित याचिका के माध्यम से उठाना आवश्यक है। दो नवजात शिशुओं की मौत कृमि के काटने से हुई है, जो कि इंदौर के सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंतराव अस्पताल में भर्ती थे। 31 अगस्त और 1 सितंबर 2025 की मध्य रात्रि में एमवाई अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती दो शिशुओं को कृमि ने काट लिया था।”

उच्च न्यायालय के विभाजन बेंच ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि “नवजात शिशुओं के कृमि के काटने से होने वाली मौत की घटना के बारे में हमें यह जानकारी मिली है कि यह घटना इतनी हैरान करने वाली है कि इसको स्वयं से जनहित याचिका के माध्यम से उठाना आवश्यक है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि “नवजात शिशुओं के कृमि के काटने से होने वाली मौत की घटना के बारे में हमें यह जानकारी मिली है कि यह घटना इतनी हैरान करने वाली है कि इसको स्वयं से जनहित याचिका के माध्यम से उठाना आवश्यक है।”

इस मामले में उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि “नवजात शिशुओं के कृमि के काटने से होने वाली मौत की घटना के बारे में हमें यह जानकारी मिली है कि यह घटना इतनी हैरान करने वाली है कि इसको स्वयं से जनहित याचिका के माध्यम से उठाना आवश्यक है।”

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