लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र में गुरुवार दोपहर हुई दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे शहर को हिला दिया. बीजी कॉलोनी से 12 वर्षीय अर्जुन सिंह और 8 वर्षीय प्रद्युम्न यादव का एक युवक ने साइकिल चलाते समय अपहरण कर लिया. परिजनों से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगकर हत्या की धमकी देने वाले इस आरोपी की पहचान किसी शातिर अपराधी के रूप में नहीं, बल्कि आलमबाग पटेलनगर निवासी एक हाईस्कूल छात्र विजय शर्मा के रूप में हुई.
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों बच्चों को 24 घंटे के भीतर लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकरननाथ इलाके से सकुशल बरामद कर लिया. जानकारी के अनुसार, अर्जुन सिंह, जो आठवीं का छात्र है, गुरुवार दोपहर खाना खाने के बाद पड़ोसी प्रद्युम्न यादव के साथ साइकिल से खेलने निकला था. शाम सात बजे तक जब दोनों घर नहीं लौटे तो परिजनों ने तलाश शुरू की. आसपास में ढूंढने और पूछताछ करने पर भी कोई सुराग न मिलने पर रात 10 बजे परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई.
आरोपी ने किया कॉल, मांगी फिरौती
शुक्रवार सुबह अर्जुन के पिता संजय सिंह को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप कॉल आया. कॉलर ने दोनों बच्चों के अपहरण की पुष्टि करते हुए 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग की और रकम न देने पर दोनों की हत्या की धमकी दी. इतना ही नहीं, आरोपी ने संजय सिंह से फोन पर ही उनके बेटे अर्जुन की बात भी कराई ताकि परिजन दबाव में आ जाएं. दोनों बच्चों के अपहरण की खबर कॉलोनी में जंगल की आग की तरह फैल गई. बीजी कॉलोनी में हर ओर अफरा-तफरी मच गई. अपहृत बच्चों के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था. परिजनों का कहना था कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, इसलिए वे समझ ही नहीं पा रहे थे कि आखिर बच्चों का अपहरण क्यों किया गया.
पुलिस की तगड़ी कार्रवाई, पांच टीमें लगीं
घटना की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी मध्य अशीष श्रीवास्तव के नेतृत्व में पुलिस की पांच टीमें गठित की गईं. सर्विलांस टीम ने आरोपी के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की, जो लखीमपुर खीरी के गोला रेलवे स्टेशन के पास मिली. इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर दोनों बच्चों को सुरक्षित बरामद कर लिया और आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपी की पहचान आलमबाग पटेलनगर निवासी विजय शर्मा के रूप में हुई है, जो गांधी इंटर कॉलेज में हाईस्कूल का छात्र है. मूल रूप से सीतापुर के लहरपुर का रहने वाला विजय, रुपये की लालच में इस घटना को अंजाम देने पहुंचा था. पुलिस ने उसके पास से घटना में इस्तेमाल मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है।
परिवार और शहर ने ली राहत की सांस, सियासत भी गरमाई
बच्चों की सकुशल बरामदगी की खबर मिलते ही पीड़ित परिवार और इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई. माता-पिता, जो पूरी रात रोते-बिलखते रहे, अपने बच्चों को गले लगाकर भावुक हो उठे. पुलिस की तत्पर कार्रवाई की इलाके के लोगों ने सराहना की. इस घटना पर विपक्ष ने भी सरकार पर हमला बोला. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपहरण और डिजिटल अपराधों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे आम नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस घटना ने पूरे शहर को हिला दिया और लोगों को एक बार फिर से अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक किया. पुलिस की तत्पर कार्रवाई ने लोगों को आश्वस्त किया कि उन्हें उनकी सुरक्षा के लिए काम करने के लिए पुलिस तैयार है.