Platelet Count: ऐसे समय में जब डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, यह बेहद जरूरी हो जाता है कि आप अपने प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने के तरीकों को जानें. प्लेटलेट्स बहुत छोटी ब्लड सेल्स होती हैं, जो आपके बोन मैरो में फैली होती हैं. जब आपको चोट लगती है तो इन सेल्स की भूमिका ब्लड को जमाने में होती है. एक स्वस्थ व्यक्ति की प्लेटलेट काउंट एक लाख से अधिक होनी चाहिए, लेकिन कुछ स्थितियां या बीमारियां जैसे डेंगू, एनीमिया, कैंसर आदि में प्लेटलेट काउंट का लेवल गिर जाता है. 20 हजार से कम प्लेटलेट काउंट होना खतरनाक माना जाता है. आइए जानें कि कौन से फूड आपके प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
1. पशु प्रोटीनहेल्दी प्लेटलेट काउंट के लिए शरीर की B12 आवश्यकताओं को पूरा करना महत्वपूर्ण है. विटामिन बी12 हमारे ब्लड सेल्स को हेल्दी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए, विटामिन बी 12 से भरपूर फूड जैसे अंडे, लीवर, सीफूड आदि खाने से आपके शरीर में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद मिलेगी.
2. नारियल पानीआपने देखा होगा कि डेंगू के मरीजों को उनके डॉक्टरों द्वारा नारियल पानी की सलाह दी जाती है क्यों कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नारियल पानी के नियमित सेवन से हमारे रेड ब्लड सेल्स और हीमोग्लोबिन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. अध्ययन से यह भी पता चला है कि नारियल पानी से खून के बहाव के समय में कमी और थक्के के समय में वृद्धि के साथ प्लेटलेट्स और फाइब्रिनोजेन लेवल में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
3. पपीता के पत्तेप्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए पपीते के पत्ते के अर्क का उपयोग करना एक बहुत पुराना घरेलू उपाय है जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा भी निर्धारित किया गया है. एक अध्ययन से पता चलता है कि पपीते के पत्ते का अर्क जब डेंगू के मामलों में इस्तेमाल किया जाता है, तो प्लेटलेट काउंट बढ़ जाती है.
4. गिलोयगिलोय एक पौधा है और इसके पत्तों से बने जूस के कई फायदे माने जाते हैं. एक अध्ययन के अनुसार, गिलोय खून को साफ करने लिए अच्छा माना जाता है और वाइट ब्लड सेल्स (डब्ल्यूबीसी), रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) और हीमोग्लोबिन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, जो प्लेटलेट्स की संख्या को नियंत्रित रखता है.
5. जामुनजामुन पॉलीफेनोल्स का रिच सोर्स है. इसमें अन्य बायोएक्टिव पदार्थ भी होते हैं, जैसे कि विटामिन सी. एक अध्ययन में कहा गया है कि सीमित मात्रा में जामुन के सेवन से प्लेटलेट फंक्शन, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और बीपी में अनुकूल परिवर्तन हुए। परिणाम बताते हैं कि जामुन का नियमित सेवन दिल की बीमारी के खतरे को भी कम किया जा सकता है.
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